अंधविश्वास में मानव बलि देने के एक मामले में पुलिस ने 2 महिलाओं समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 3 व्यक्तियों ने तंत्र-अनुष्ठान के नाम पर एक मासूम बच्चे की हत्या की थी। गिरफ्तार लोगों में तांत्रिक भी शामिल है। इस अपराध में शामिल बाकी लोगों पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
रिपोर्ट के मुताबिक बिहार जमुई जिले के इलाके में 22 दिसंबर को सात साल के बच्चे सौरभ कुमार की हत्या हुई थी। हत्या उसके चाचा तूफानी यादव ने ही की थी। बताया गया कि उसने अपने छोटे भाई कारू यादव और एक तांत्रिक जनार्दन की बातों में आकर घटना को अंजाम दिया।
मासूम को बहला कर फंसाया
गया। जमुई के एसपी प्रमोद कुमार मंडल ने कहा कि तूफानी यादव अपने भाई कारू यादव के जरिए तांत्रिक गिरी से संपर्क किया। बलिदान के दिन तीनों ने 22 दिसंबर को सोनो पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले कोहिला गांव में तूफानी यादव की झोपड़ी में एक तंत्र- अनुष्ठान किया था। उन्होंने बलिदान को अंजाम देने से पहले ताड़ी पी थी। “अनुष्ठान के बाद तूफानी घर गया और सौरभ को गांव की सड़क के बीच लेकर आया, इससे पहले उसने उसे पास की दुकान से बिस्किट का पैकेट खरीद कर दिया था। इसके बाद तूफानी ने एक तलवार की मदद से बच्चे की बलि दे दी।”
बच्चे की सेहत के कारण परिवार में थी परेशानी
मंडल ने बताया कि सौरभ तूफानी यादव के बड़े भाई केवल यादव का बेटा था। वे गांव में अलग-अलग रहते थे। तूफानी यादव के पहले बेटे की बीमारी के कारण पिछले साल मृत्यु हो गई थी और उनकी तीन महीने की बेटी भी पिछले कुछ दिनों से बीमार थी।
कथित तौर पर कारू यादव और जनार्दन गिरि ने उसे अपनी बेटी की जान बचाने के लिए मानव बलि देने का सुझाव दिया था।
हत्या के बाद तूफानी, कारू और जनार्दन गांव से सटे पास के जंगल में भाग गए थे। ग्रामीणों में से किसी ने भी उनका पीछा करने की हिम्मत नहीं की, क्योंकि तूफानी के हाथ में तलवार थी।