जशपुरनगर। छत्तीसगढ में झारखंड और ओडीसा राज्य की सीमा से लगा जशपुर जिले में पुलिस ने कानून व्यवस्था को चुस्त रखने तथा आम जनता से बेहतर संबंधों की बदौलत बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष अपराधिक मामलों में 7 फीसदी की कमी आई है।
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने महिला संबंधित अपराधों पर त्वरित कार्यवाई के साथ अन्य अपराधों की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच कर गहन छानबीन शुरू कर देने से चुनौतीपूर्ण अपराधों को भी आसानी से सुलझा लिया गया। यही कारण है कि जिले में हत्या,डकैती और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में भी पहले से आंशिक कमी आई है वहीं जशपुर जिले की पुलिस ने दहेज मृत्यु के मामलों को इस वर्ष जीरो पर पहुंचा दिया है।
जिले की पुलिस ने विवेचना के बाद गंभीर अपराधों के ज्यादातर प्रकरणों में अपराधियों को गिरफतार कर लेने से जंहा नागरिकों ने चैन की सांस ली है, वहीं अपराधियों के मन में जशपुर जिले की पुलिस का खौफ बढ़ा है। जशपुर जिले के विभिन्न थानों में अंधे कत्ल के 14 मामलों को सुलझा कर आरोपियों को गिरफतार कर लेने से यंहा घटित होने वाले गंभीर अपराधों पर अंकुश लगा है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में हत्या के 67 अपराध पंजीबध्द हुऐ। इसमें 61 मामलों में 79 अपराधियों को गिरफतार किया जा चुका है।षेष 4 मामलों में मृतक मृतिका अज्ञात होने से विवेचना का काम लंबित रह गया है। बीते वर्ष की तुलना में हत्या का प्रयास के मामलों में 40 फीसदी की कमी आई है। इससे आम लोगों ने राहत की सांस ली है। जिले में बीते वर्ष की तुलना में अपहरण के मामलों में आंशिक वृध्दि अवश्य देखने को मिली है लेकिन अपहरण के 29 मामलों के आरोपियों को गिरफतार कर लिऐ हैं। इसी तरह दहेज प्रताडना के वर्ष भर में 8 मामले दर्ज किऐ गए हैं इनमें 30 आरोपियों की पुलिस ने गिरफतारी कर ली है।
मानव तस्करी के अधिक मामलों को लेकर पूरे राज्य में बदनामी का दंश झेलने के कारण इस वर्ष जशपुर जिले में मानव तस्करी के मामलों की रोकथाम के लिए ठोस प्रयास किए गए। मानव तस्करी की रोकथाम की खातिर यंहा के शैक्षणिक संस्थान और गांव गांव के हाट बाजारों में पुलिस ने जागरूकता के लिए शिविर आयोजित कर एक सार्थक पहल की थी। जिसकी बदौलत मानव तस्करी के महज 7 मामले ही दर्ज करने पड़े। इनमें 6 मामलों में 12 आरोपियों को गिरफतार कर जेल भेजा है। मानव तस्करी की शिकायत के बाद पुलिस की टीम ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेष, मुम्बई पहुंच कर अपहर्ताओं को बरामद करने के साथ दूसरे राज्यों के आरोपियों को गिरफतार कर जशपुर जेल का रास्ता दिखाया है। मानव तस्करी के मामलों में यंहा की पुलिस का सख्त रवैया देख कर अब देश के बड़े महानगरों के दलालों के मन में जशपुर पुलिस का भय स्पष्ट देखने को मिल रहा है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए जशपुर जिले में महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में रक्षा टीम गठित की गई है। इस टीम के सभी महिला सदस्यों का जिले के थानों से सीधा सम्पर्क बनाया गया है। रक्षा टीम गांव गांव पहुंच कर ग्रामीण महिला, स्कूली छात्रा तथा अन्य महिलाओं से सम्पर्क करती हैं। इनसे घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, आत्म रक्षा जैसे मामलों पर विस्तृत चर्चा की जाती है। महिलाओं के अपराधों की जानकारी मिलते ही पीड़ित से सम्पर्क कर उन्हे समुचित सहायता मुहैया कराने से पुलिस को भी कानून व्यवस्था चुस्त रखने में बेहतर सहयोग मिलने लगा है।
जशपुर पुलिस को मिला मुख्यमंत्री से पुरूस्कार एवं सम्मान
वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस 1 नवंबर के मौके पर छत्तीसगढ़ शौर्य पदक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों से पत्थलगांव के थाना प्रभारी मोहसिन खान को प्राप्त हुआ। इस दौरान श्री खान को सम्मानित भी किया गया।
सरगुजा संभाग के आईजी ने जशपुर पुलिस को किया पुरूस्कृत
जशपुर पुलिस ने इस वर्ष पत्थलगांव एसबीआई बैंक में सेंधमारी की घटना में अच्छी विवेचना कर आरोपी को गिरफ्तार करने पर सरगुजा आईजी रतनलाल डांगीने यंहा पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया है, इसके अलावा तपकरा-कुनकुरी हाईवे पर ऐल्मुनियम से भरी 2 ट्रकों के सभी लूटेरों को तत्परता से पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली पुलिस टीम को भी सम्मानित किया है.
पुलिस सफलता के उल्लेखनीय मामले
वर्ष 2020 में जशपुर पुलिस की उल्लेखनीय सफलताओं में पत्थलगांव से 8 वर्षीय अपहृत बालिका को 24 घंटों के भीतर बरामद कर सिरियल रेपिष्ट की गिरफतारी, कुनकुरी क्षेत्र से लाखों रूपयों का एल्यूमुनियम के साथ दो वाहनों की लुट की सनसनीखेज वारदात के बाद तत्काल पड़ोसी राज्य झारखंड से आरोपियों को धरदबोचा गया. इस मामले मे लगभग 50 लाख रुपये के सामान की लूट का पूरा सामान के साथ सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इसी तरह पत्थलगांव भारतीस स्टेट बैंक में सेंधमारी कर लाखों रूपयों की चोरी के आरोपी को भारी भरकम नगद रकम के साथ गिरफतारी, कोतबा की शराब दुकान में शसस्त्र लुट की बड़ी घटना के आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफतारी की गई.
दरअसल,इन मामलों की कमान पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने स्वतः अपने हाथों में लेकर घटना स्थल पर ही डेरा डाल दिया था। पुलिस की टीम के साथ लगातार समीक्षा करने से सभी आरोपी पकड़ लिए जाने से पुलिस के प्रति नागरिकों का भरोसा बढ़ा।
साधारण शिकायतों पर भी पुलिस गंभीर
पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने पत्थलगांव की एम महिला फिलीसिता तिग्गा की फरियाद पर उसके पति को गोवा के मछली कारोबारी के चंगुल से छुडा कर उसका डेढ़ साल का मजदुरी भुगतान भी दिलाया है।इसी तरह नारायणपुर थाना क्षेत्र के भी प्रवासी मजदूर को भी गोवा में बंधक बनाऐ जाने संबधित मिडिया की खबर पर तत्काल संज्ञान लिया गया । पुलिस ने 2 बंधक मजदूर को छुड़ा कर कुनकुरी क्षेत्र में उसके परिजनों से मिलवा दिया। यंहा के विभिन्न थानों में नागरिकों के साधारण आवेदन पर भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यंहा आम जनता और पुलिस के बीच मधुर संबंधों में इजाफा हुआ है।
पुलिस का विशेष अभियान से कई चेहरों को मिली सुखद मुस्कान
छत्तीसगढ़ पुलिस का आपरेशन मुस्कान अभियान में भी जशपुर पुलिस ने इस वर्ष दर्जन भर गुम होकर भटकने वाले नाबालिगों को उनके परिजनों से मिलवाने की सुखद पहल की है।
मुस्कान अभियान के तहत जशपुर जिले की पुलिस टीम ने घर से भाग कर मुंबई जा रही दो नाबालिग लड़कियों को राजस्थान पुलिस की मदद से वापस लाकर उनके माता पिता को सौंपा गया. इसी तरह पत्थलगांव थाना क्षेत्र की नाबालिग लड़की जिसे उसकी ही ममेरी बहन और जीजा ने रूपए के लालच में एक बार नहीं बल्कि दो बार बेच कर घृणित कार्य की दलदल मे ढ़केल दिया था. इस बालिका के पिता की फरियाद पर पत्थलगांव थाना की पुलिस टीम ने पीड़िता को उज्जैन से मुक्त करा कर उसके माता पिता को सौंपा. इस मामले में 1 महिला सहित 4 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के एक भटके हुऐ नाबालिक बच्चे को जशपुर में बरामद करने के बाद नाबालिग बच्चे को उत्तर प्रदेश स्थित उसके परिजनों से मिलवाया गया. यह बालक अपने घर का सही पता भी नहीं बता पा रहा था लेकिन जशपुर जिले की पुलिस ने अपनी सूझबूझ से उसके माता पिता से मिलाने की शानदार पहल की गई।
पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने बताया कि एक नन्हा बालक जिसको अपने घर का पता भी ठीक से मालूम नहीं था। इस बालक की फोटो से उसके मिर्जापुर स्थित माता पिता का पता कर उन्हे बालक सौंपा गया। इस काम से बालक के माता पिता के साथ दूसरे लोगों के चेहरों पर भी खुशियों की मुस्कान देखने को मिली।