राजनांदगाव । कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के कारण सभी आर्थिक गतिविधियां बंद है. लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में मनरेगा के तहत राजनांदगांव जिले के गांवों में 2 लाख 10 हजार 567 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है। इससे लोगों की रोजी-रोटी की समस्या दूर हो गई। श्रमिकों को जीवन यापन में होनी वाली कठिनाईयों से राहत मिली है। गांवों में साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मनरेगा के अन्तर्गत तालाब गहरीकरण, नया तालाब, डबरी निर्माण, भूमि सुधार , गौठान निर्माण तथा नरवा पुनर्जीवन के कार्य किए जा रहे हैं.
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन में मनरेगा के अंतर्गत वर्तमान में जिले की 812 ग्राम पंचायतों में से 779 ग्राम पंचायतों में 4 हजार 25 कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। जिसमें 2 लाख 10 हजार 567 श्रमिक कार्य कर लाभान्वित हो रहे है। कार्य स्थल पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया जा रहा है। साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था भी की गई है। जिला पंचायत राजनांदगांव से प्राप्त जानकारी के अनुसार मनरेगा के अंतर्गत जिले के डोंगरगांव विकासखंड में 297 कार्य चल रहे हैं जिसमें 14 हजार 267 मजदूर कार्यरत हैं। इसी प्रकार विकासखंड मोहला में 248 कार्यों में 10 हजार 132 श्रमिक लाभान्वित हो रहे है। विकासखंड छुईखदान में 474 कार्य चल रहे है। यहां प्रतिदिन 26 हजार 961 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। विकासखंड मानपुर में 287 कार्य संचालित है। जिसमें 16 हजार 73 श्रमिकों को लाभ मिल रहा है। छुरिया विकासखंड में 486 कार्य चल रहे है। जिसमें 34 हजार 976 श्रमिक कार्यरत हैं। विकासखंड अंबागढ़ चौकी में 416 कार्य संचालित है। यहां 19 हजार 210 मजदूर कार्य कर रहे हैं। डोंगरगढ़ विकासखंड में 694 कार्य चल रहे हैं। जिसमें 25 हजार 318 मजदूर कार्य कर रहे हैं। खैरागढ़ विकासखंड में 664 कार्य संचालित हैं। जिनमें 32 हजार 799 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। राजनांदगांव विकासखंड में 459 कार्य चल रहे हैं। इस विकासखंड में 30 हजार 831 मजदूर कार्य कर रहे है।