भिलाई। एक समाज के कुछ युवाओं ने लिट्टी चोखा के कार्यक्रम के लिए दस पेड़ काट दिए। कहा जा रहा है कि अवैध कब्जे की नियत से यह आयोजन किया गया था। जिसे देखते हुए दूसरे समाज के लोगों ने भी भवन के लिए चुना मार्किंग कर दिया है। पार्षद की शिकायत के बाद निगम प्रशासन ने इसे संज्ञान में ले लिया है।
ज्ञात हो कि पावर हाउस आईटीआई ग्राउंड के पास भिलाई निगम द्वारा ग्रीन लैंड डेवलप किया है। जहां एक हजार पेड़ लगाए गए हैं। पौधा लगाने तथा तीन साल तक इसकी देखरेख का काम ठेका एजेंसी को दिया गया था। तीन साल पूरा होते ही ठेका एजेंसी ने इसे निगम प्रशासन को सौंप दिया है। निगम प्रशासन इस ग्रीन लैंड की पहरेदारी में लापरवाही बरत रहा हैए जिसका नतीजा है कि रविवार को लिट्टी चोखा के आयोजन के नाम पर दस पेड़ काट दिए गए। रविवार को इस ग्रीन लैंड में सुबह से कुछ लोगों ने पंडाल लगा रखा था। पेड़ों के बीच पंडाल लगने की खबर तेजी से खुर्सीपार में फैल गई। खबर सुनकर पार्षद अनिल सिंह दौड़े भागे आए। उन्होंने लोगों से पूछा कि इस ग्रीन लैंड में पंडाल क्यों लगाया गया है तथा पेड़ क्यों काटे गए। पार्षद के मुताबिक पेड़ काटने वालों ने खुद को यादव समाज का बताते हुए लिट्टी चोखा का आयोजन किया जाना बताया। समाज के लोग पेड़ काटने को लेकर कुछ भी बताने से अनाकानी करते नजर आए। पार्षद अनिल सिंह ने फौरन इसकी जानकारी खुर्सीपार जोन आयुक्त अमिताभ शर्मा तथा खुर्सीपार थाने में दी। सूचना मिलते ही जोन के अधिकारी व खुर्सीपार थाना पुलिस फौरन मौके पर पहुंच गई। कार्यक्रम को बंद कराया गया तथा कटे हुए पेड़ों की फोटोग्राफी कराई गई।
कहा जा रहा है कि कार्यक्रम की आड़ में अवैध कब्जे की तैयारी थी। यह खबर सुनते ही दूसरे समाज के लोग भी मौके पर पहुृंच गए तथा ग्रीन लैंड में सामाजिक भवन बनाने के लिए कब्जे की नियत से चूना मार्किंग किया जाने लगा।