भिलाई। इस बार की कांग्रेस सरकार में दुर्ग जिला वीआइपी है, लेकिन यहां की पुलिस का व्यवहार फरियादियों के प्रति गैरजिम्मेदाराना है। घूम-घूमकर इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले एक व्यक्ति के यहां 21 से 23 दिसंबर के बीच चोरी की घटना हुई। शिकायतकर्ता ने सुपेला थाना में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बजाए उसे घुमाना शुरू कर दिया। आज-कल, सुबह-शाम बुलाने के नाम पर उसे काफी घुमाया गया। बड़ी मुश्किल से प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन उसमें भी चोरी गए सामान की कीमत काफी कम लिखी। शिकायतकर्ता के घर से करीब 80 हजार रुपये नकद चोरी हुए, लेकिन प्राथमिकी में उसका जिक्र तक नहीं है। अब फरियादी का ये दर्द है कि वो चोरी का शिकार भी हुआ और पुलिस के व्यवहार से आहत भी हुआ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोसानगर बुद्ध विहार सुपेला निवासी चुनेश्वर गजभिये के घर पर चोरी की घटना हुई है। शिकायतकर्ता बीते 21 दिसंबर को अपनी पत्नी व बेटी के साथ अपने रिश्तेदार के यहां राजनांदगांव चला गया था। 23 दिसंबर की शाम को वो वापस लौटा तो उसके घर के दरवाजे का ताला टूटा मिला। शिकायतकर्ता घर पर ही इलेक्ट्रिशियन व किराना की छोटी सी दुकान चलता है। वो घर में गया तो सोने-चांदी के जेवर, करीब 80 हजार रुपये नकद और किराने का सामान गायब था। शिकायतकर्ता ने 23 दिसंबर की शाम को ही सुपेला थाना में शिकायत कीए लेकिन पुलिस ने तुरंत प्राथमिकी दर्ज नहीं किया। उससे आवेदन लेकर उसे चलता कर दिया। इसके बाद उसे लगातार घुमाया गया।
शिकायतकर्ता चुनेश्वर गजभिये ने बताया कि शिकायत के बाद वो प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कई बार सुपेला थाना गया, लेकिन पुलिस ने उसकी बात नहीं सुनी। उसने बताया कि सुपेला थाना के एएसआई टांडेकर और सोनकर उसे घुमाते रहे। एएसआई टांडेकर बोलता था कि एएसआई सोनकर प्राथमिकी दर्ज करेंगे और सोनकर, टांडेकर पर टालता था। अंत में एसआई शिशुपाल चंद्रवंशी ने प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन उसमें भी चोरी गए पूरे सामान का उल्लेख नहीं किया। जबकि करीब दो लाख रुपये के गहने, 80 हजार रुपये नकद और किराना का सामान चोरी हुआ है। शिकायतकर्ता ने ये भी बताया कि उसने पुलिस को जानकारी दी थी कि उसके घर के पास गांजा पीने वाले कुछ लड़कों पर ही चोरी का संदेह है, लेकिन पुलिस ने उनसे पूछताछ नहीं की।
इस मामले में सुपेला थाना प्रभारी निरीक्षक दिलीप सिंह सिसोदिया का कहना है कि शिकायतकर्ता को इस तरह से घुमाने की मुझे जानकारी नहीं हैं। मैं एएसआई टांडेकर और सोनकर से पूछता हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। प्राथमिकी में चोरी के सामान की कीमत कम दर्ज हो गई है तो उसे विवेचना में बढ़ा दिया जाएगा।
दुर्ग-भिलाई, शाहीन खान