अंबिकापुर । मामला अंबिकापुर के रघुनाथपुर पुलिस थाना क्षेत्र का है । जहां गांव के निवासी रतिराम कोरवा अपनी पत्नी और अपनी 3 साल की मासूम बेटी के साथ झोपड़ी में रहते थे ।जानकारी के मुताबिक झोपड़ी धास-फूस से बनी हुई थी । तीनों गरीबी में अपना जीवन काट रहे थे । घर पर चूल्हे पर खाना बनता था ।
आम दिनों की तरह ही बीती रात भी खाना खाने के बाद तीनों सो गए, तभी अचानक झोपड़ी में आग लग गई । लपटों में झुलसकर बच्ची की मौत हो गई । बताया जा रहा है कि आग इतना फैल गई थी कि पूरी झोपड़ी जलकर खाक हो गई । वहीं बच्ची की मौत के बाद उसके शव को उसके पिता ने सुबह ही नदी के किनारे दफना दिया ।
मामले की जानकारी लोगों को लगने पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची के शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया । अंदाजा लगाया जा रहा है कि रात में खाना बनाने के बाद शायद मिट्टी के चूल्हे की आग नहीं बुझी थी । जिसकी वजह से ही झोपड़ी में आग लग गई ।
दरअसल जहां एक मासूम की आग में झुलसने से मौत हो गई । बताया जा रहा है कि घटना के वक्त बच्ची के माता-पिता भी घर पर ही मौजूद थे ।