मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक ऐसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है जो खजाने का लालच दिखाकर लोगों से रुपये ऐंठता था और फिर रुपये वापस ना देना पड़े इसके लिए उनकी हत्या कर देता था। यह शख्स अब तक कुल 6 लोगों की हत्या कर चुका है।
दरअसल, 8 नवंबर 2020 को भोपाल के नजदीक सुखी सेवनिया गांव के पास जंगल में पुलिस को एक शव बरामद हुआ था। शव की पहचान छिपाने के लिए उसका चेहरा पत्थर से कुचल दिया गया था। शव की शिनाख्त आदिल वहाब नाम के युवक के तौर पर हुई, लेकिन पुलिस के सामने चुनौती थी कि जंगल में सुनसान जगह पर हुई इस हत्या का कोई गवाह उसके पास नहीं था।
ऐसे में पुलिस ने जब वारदात की जांच शुरू की तो पता चला कि एक मनीराम सेन नाम के शख्स ने मृतक को खजाना दिलाने की बात कही थी और बदले में उससे 17 हजार रुपये लिए थे। काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब आदिल को खजाना नहीं मिला तो उसने मनीराम से रुपये वापस मांगना शुरू कर दिया।
इस पर मनीराम अपने साथ आदिल को सुखी सेवनिया के जंगलों में ले गया और वहां उसे पूजा के बहाने आंख बंद कर बैठा दिया। इसके बाद मौका मिलते ही आदिल के सिर के पीछे वार कर पहले हत्या की और फिर शव को कोई पहचान ना सके इसके लिए पत्थर से चेहरा कुचल दिया।
पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर की तफ्तीश में मृतक के परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों को मिलाकर करीब 74 लोगों से पूछताछ की तो घटना के पीछे मनीराम का हाथ होने के पुख्ता सबूत पुलिस को मिल गए।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी मनीराम फरार हो गया था। थाना सूखी सेवनिया के इस कत्ल के आरोपी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। घटना के बाद आरोपी मनीराम फरारी के दौरान मोबाइल अपने साथ नहीं रखा था।
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मुखबिर तंत्र फैलाया तो पता चला कि मनीराम इलाहाबाद से फरारी काटने के बाद सागर जिले के राहतगढ़ आने वाला है। पुलिस ने जाल बिछाकर मनीराम को पकड़ा और पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया।
आरोपी जंगल में खजाना निकालने के नाम पर पैसा ऐंठता है। जब खजाना नहीं निकल पाता तो पैसों की वापसी के लिये लोग दबाव बनाते तब मनीराम उन्हें योजनाबद्ध तरीके से सुनसान जंगल में ले जाकर पूजा-पाठ के बहाने आंखे बंद कराकर पीछे से सिर पर चोट पहुंचाकर हत्या कर देता था।
आरोपी मनीराम इससे पहले भी पांच लोगों की हत्या कर चुका है। आरोपी मनीराम सेन मूलतः ग्यारसपुर जिला विदिशा का मूल निवासी है, और साल 2000 में पांच लोगों की हत्या में उम्रकैद की सजा काटकर साल 2017 में जेल से छूटा था। दरअसल, विदिशा जिले के ग्यारसपुर में इसी तरह खजाना दिलाने के नाम पर मनीराम ने पैसे ऐंठ लिए थे, लेकिन पैसे वापस मांगने का दबाव हुआ तो उसने पांचों को जंगल में ले जाकर मार दिया था।