रायगढ़। जिले के ग्राम बंगुरसिया में छत्तीसगढ़ की परम्परा और परिवार का सियान होने का मायने लोगों को देखने और सुनने को मिला। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने यहां रेगड़ा गांव के किसान कुबेर डनसेना को सियान होने का कर्तव्य निर्वहन के लिए न सिर्फ बधाई दी, बल्कि वहां मौजूद लोगों से कुबेर डनसेना के सम्मान में तालियां भी बजवाई।
दरअसल यह प्रसंग उस समय सामने आया, जब 3 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बंगुरसिया धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण करने के बाद वहां किसानों से चर्चा और एक-एक कर किसानों से धान बेचने की जानकारी ले रहे थे। इसी दौरान जब किसान कुबेर डनसेना का क्रम आया, तो उन्होंने कहा कि वह अभी तक धान नहीं बेचे हैं। मुख्यमंत्री बघेल, किसान डनसेना की इस बात पर चकित होते हुए जानना चाहा कि ऐसा क्यों? कुबेर डनसेना ने जब यह कहा कि वह पहले किसान भाईयों को धान बेचने का मौका देने की वजह से अभी तक धान नहीं बेचे है। वह समिति के अध्यक्ष है, जब सब किसान धान बेच लेंगे, तो वह आखिर में अपना धान बेचेंगे। मुख्यमंत्री ने कुबेर डनसेना की यह बात सुनकर न सिर्फ प्रसन्न हुए, बल्कि यह भी कहा कि यह छत्तीसगढ़ की परम्परा और परिवार के सियान होने के धर्म का पालन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार के सियान को पहले भोजन नहीं करना चाहिए, जब तक परिवार के सदस्य भोजन न कर ले। ते इहां के मुखिया हस, ये तोर परिवार हे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर तुलसीदास जी का यह दोहा भी सुनाया ‘‘मुखिया मुंख सो चाहिए, खान-पान कहुं एक। पालई पोषई सकल अंग, तुलसी सहित विवेक‘‘