रायपुर। अंतरराज्यीय बस अड्डा परिसर में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेताओं डॉ. संकेत ठाकुर, रूपन चंद्राकर, गौतम बद्योपाध्याय, जुगनू चंद्राकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र पाण्डेय आदि ने हरी झंडी दिखाकर इस जत्थे को रवाना किया। बताया गया, शाम को टाटीबंध गुरुद्वारा परिसर से दो बसाें में करीब 60 आंदोलनकारियों का एक और जत्था रवाना होगा। एक सप्ताह बाद नये जत्थे को रवाना करने की तैयारी है।
केंद्र सरकार के कृषि संबंधी विवादित कानूनों के विरोध में छत्तीसगढ़ के 300 से अधिक किसान भी दिल्ली रवाना हो गए। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की अगुवाई में किसानों का यह जत्था आज रायपुर के अंतरराज्यीय बस अड्डा परिसर से रवाना हुआ। सिख समाज की मदद से जुटाए गए तीन ट्रकों और पांच कारों में रवाना हुए इस जत्थे की योजना अगले दो दिनों में दिल्ली के सिंघु बार्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने का है।
आंदोलनकारी किसान अपने साथ कम से कम एक महीने का राशन ले जा रहे हैं। साथ जा रहे ट्रकों में रहने, सोने, ओढ़ने-बिछाने के साथ भोजन नास्ते का पूरा इंतजाम है। दिल्ली जा रहे किसानों का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने बताया, यह जत्था उन लोगों को जवाब है जो दिल्ली में चल रहे आंदोलन को केवल पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन बता रहे हैं।
तेजराम विद्रोही ने बताया, सूचना मिली है कि ओडिशा और महाराष्ट्र से गये किसानों को हरियाणा और यूपी में रोक लिया गया है। अगर ऐसा हुआ तो हम लोग वहीं सड़क पर बैठकर आंदोलन की अलख जगाएंगे।
इस जत्थे के लिए ट्रक उपलब्ध कराने वाले ट्रांसपोर्टर अमरीक सिंह ने बताया, दिल्ली आंदोलन में जाने के लिए ट्रकों को मोडिफाई किया गया है। ट्रक में दो डेक बनाए गए हैं। ट्रक को अगल-बगल और ऊपर से वॉटरप्रूफ तिरपाल से ढका गया है। यह तेज हवा में भी नहीं उड़ेगा। अंदर मोबाइल चार्जर पॉइंट भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, आंदोलनकारी किसानों की सुविधा के लिए ट्रकों में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। यह व्यवस्था शीतलहर और बरसात में भी किसानों को सुरक्षित रखेगी।