देश में किसान आंदोलन को 44 दिन पूरे हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने और कृषि कानूनों में शिथिलता लाने की बात स्वीकार की है, लेकिन कानून वापस लेने के मामले में मोदी सरकार ने कोई भी निर्णय नहीं दिया है। ऐसे में राज्य स्तर पर किसानों को उद्वेलित होने से रोकने की जुगत में शीर्ष नेताओं को लगाया गया है।
छत्तीसगढ़ में भी यही तरीका अख्तियार किया गया है और भाजपा ने काफी समय से शांत रहे रमन सिंह को भूपेश बघेल पर धान खरीदी के बहाने हमला करने के लिए आगे किया है। जवाब में कांग्रेस पूरी आक्रामकता से पलटवार कर रही है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तथ्यों के साथ रमन सिंह पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। तीखा हमला करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि किसानों से झूठ बोलकर ही रमन सिंह सत्ता से बाहर हुए और उनका झूठ बोलना लगातार जारी है।
रमन सिंह के धान न खरीदने के आरोप पर राज्य सरकार ने कहा है कि वह उचित मूल्य पर खरीदी कर रही है। बोनस की योजना में केंद्र रोड़ा अटका रहा है। रमन सिंह किसानों के मुद्दे पर घिरी केंद्र सरकार को बचाने के लिए राज्य सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2013 के विधान सभा चुनावों के पूर्व जारी “संकल्प पत्र“ में डाक्टर रमन सिंह ने राज्य के किसानों से धान का क्रय 2100 रुपये प्रति क्विंटल के दर से करने एवं 300 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने का संकल्प लिया था। लेकिन वे खुद बोनस नही दे पाए और अब मौजूदा सरकार की बोनस योजना में रोड़ा अटकाने की केंद्र सरकार की कोशिश को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सबसे पहले किसानों को बोनस दिए जाने पर प्रतिबंध लगाया गया। रमन सिंह ने दिखावे के तौर पर केंद्र सरकार को किसानों को बोनस जारी रखने की अनुमति हेतु पत्र लिखा था। केंद्र सरकार द्वारा उनकी माँग अनसुनी करने पर रमन सिंह ने ना तो किसानों का धान 2100 रुपये खरीदा और ना ही 300 रुपये का बोनस दिया गया।
केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा राजीव किसान न्याय योजना को अकारण बोनस बताते हुए राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की घोषणा के बाद भी राज्य से मात्र 24 लाख टन चावल लिए जाने पर सहमति दी गयी है। पूर्व घोषणा अनुसार वार्डनों की आपूर्ति भी केंद्र द्वारा नहीं जी जा रही है। उसके बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वादे के अनुरूप किसानों से धान खरीदी की जाएगी तथा राजीव किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी भी दी जाएगी।
कांग्रेस का कहना है कि किसान विरोधी भाजपा एवं डाक्टर रमन सिंह को वर्तमान धान खरीदी व्यवस्था पर राज्य सरकार की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। माना जा रहा है कि किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी जंग तेज होगी। कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर राज्य सरकार पूरी आक्रामकता से भाजपा को घेरने और किसानों का दिल जीतने के लिए उनके बीच जाने की तैयारी में है। पार्टी सरकार के कार्यक्रमो को लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान भी चलाएगी।