अनुकंपा नियुक्ति के अभाव में 5 दिन से मरच्यूरी में पड़ा है बीएसपी कर्मी का श
भिलाई। बीएसपी कर्मचारी कार्तिकराम ठाकुर की मौत हुए 5 दिन बीत चुके हैं। परिवार के सदस्य सेक्टर-9 मरच्यूरी तक जाकर खाली हाथ लौट रहे हैं। शुक्रवार को परिवार ने जिला प्रशासन से मामले में हस्ताक्षेप करने गुहार लगाई। बीएसपी में अनुकंपा नियुक्ति देने को लेकर बीमारी तय है। इसके बाद भी प्रबंधन की ओर से पीडि़त परिवार को उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं मिल रहा है।
बीएसपी कर्मचारियों को तीन तरह की बीमारी होने पर प्रबंधन उसके आवेदन पर अनफिट घोषित करता है। इसके बाद कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने एडवांस कैंसर, किडनी व न्यूरो के गंभीर मरीजों को पॉलिसी में नौकरी देने का प्रावधान रखा है। इसके लिए बीमार को आवेदन देना होगा और मरीज की जांच के बाद उसे मेडिकल बोर्ड स्थायी चिकित्सकीय अयोग्य घोषित करेगा, तब आश्रित को अनुकंपा के तहत नौकरी दी जाएगी।
पीडित परिवार के मुताबिक कार्तिक राम ठाकुर ने जिंदा रहते हुए बीएसपी प्रबंधन को अनफिट के लिए आवेदन दिया। जिसमें बेटे के लिए अनुकंपा नियुक्ति देने मांग किया। इसके बाद भी प्रबंधन इस दिशा में अब तक ठोस पहल नहीं कर रहा है। परिवार को भरोसा में लिया जा सकता था। समाज के लोग भी इस मामले में परिवार के साथ मौजूद है। तब प्रबंधन समझा के साथ भी बैठक कर मामले में हल निकाल सकता है। यह पहली मर्तबा नहीं है जब इस तरह के हालात बने हैं। पहले भी प्रबंधन के सामने यह हालात आ चुके हैं।
परिवार व समाज की ओर से जिला प्रशासन को पत्र दिया गया है, जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से बरती जा रही लापरवाही के संबंध में बताया गया है। पीडित के बेटे ने पत्र में कहा है कि उनके पिता बीएसपी के सेफ्टी डिपार्टमेेंट में काम कर रहे थे। दो माह से किडनी फेलियर की समस्या से जूझ रहे थे। 24 नवंबर 2020 से उनका उपचार लगातार सेक्टर-9 में जारी था। इस दौरान उन्होंने नियम के मुताबिक गंभीर बीमारी को देखते हुए नौकरी करने में असमर्थता जताते हुए पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति के लिए पत्र व्यवहार किया। 4 जनवरी 2021 को उनका निधन हो गया।
परिवार का कहना है कि नियम के मुताबिक किडनी फेलियर के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दिया जाना है, मगर सूचना के बाद भी प्रबंधन ने अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है। अब तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। आदिवासी समाज व परिवार ने तय किया है कि जब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाता तब तक दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। जंगो लिंगों महिला आदिवासी समिति ने कलेक्टर से मांग किया है कि हस्ताक्षेप कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए।