मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में आज युवाओं से रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं द्वारा रिकार्डेड संदेश के माध्यम से साझा किए गए विचारों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की और युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में युवाओं को नए वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की तरूणाई नई अंगड़ाई लेकर उठ खड़ी हुई है। जो हम सबके सुरक्षित और सुखद भविष्य का संकेत है।
सीएम बघेल ने युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि युवाओं की प्रतिभा को संवारने और उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के राज्य सरकार के अभियान में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ी युवा हर मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं और सीख की चर्चा भी युवाओं के साथ की। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को उद्यत करते हुए युवाओं से कहा कि ’एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो’ यह सफलता का मार्ग है। उन्होंने कहा कि बेहतर खेल अधोसंरचनाओं के विकास से खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा निखारने और छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के जरिए युवा साहित्यकारों और कलाकारों को सही मंच, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि पिछला साल बड़ी चुनौतियों के साथ बीता है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया में अनेक परिवारों को अपने प्रियजनों से बिछड़ना पड़ा। नौकरी, व्यापार, व्यवसाय तथा भिन्न-भिन्न आजीविका के साधनों पर कोरोना महामारी का बहुत घातक आघात रहा। छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का मुकाबला किया। आप सबकी बदौलत ही छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में भी बहुत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को ख्याति मिली। हमारी उपलब्धियों के पीछे एक बहुत बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है।
स्वामी विवेकानंद ने भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई
सीएम बघेल ने लोकवाणी में कहा कि मैं स्वामी विवेकानंद जी को, उनके जन्मदिन के अवसर पर, प्रदेश की जनता की ओर से नमन करना चाहूंगा। स्वामी विवेकानंद का मन मानव जाति की सेवा में रमा। बहुत छोटी-सी आयु में ही वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए और वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान के शिखर की ओर बढ़ चले। 11 सितम्बर 1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई। स्वामी विवेकानंद को युवाओं का आदर्श माना गया। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ का आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ।
स्वामी विवेकानंद ने मानव उत्थान की सीख दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विभिन्न धर्मों की आपसी प्रतियोगिता व वैमनस्यता के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया था। उन्होंने आडम्बरों का मुखर विरोध किया। वे अपनी सारी चेतना और शक्ति को मानव के उत्थान में ही लगाने में विश्वास करते थे और इसी की सीख दिए। शिकागो की प्रसिद्ध विश्व धर्मसंसद में स्वामी जी ने कहा था कि उन्हें ऐसे धर्म पर गर्व है, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाई है। हम सभी धर्मों को सच मानते हैं। उन्हंे एक ऐसे देश से संबंधित होने पर गर्व है, जिसने सभी धर्मों और पृथ्वी के सभी देशों के पीडितों और शरणार्थियों को शरण दी है। उन्होंने कहा वास्तविक शिक्षा वह है, जो किसी को अपने दम पर खड़ा करने में सक्षम बनाती है। छात्रों को चरित्र और मानवीय मूल्य सिखाती है। आज मैं स्वामी जी के शब्दों में ही युवाओं का आह्वान करता हूं-‘एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार पर जियो।
युवाओं ने हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम किया रोशन
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में बताया कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद, स्वामी आत्मानंद मेरे मन में बचपन से बसे थे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए। उनकी बुद्धिमत्ता, जोश और विवेक से नई पीढ़ी को काफी मदद मिलेगी। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं। हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें स्थान पर रही हैं। बिलासपुर के वर्णित नेगी तेरहवें स्थान पर रहे। भिलाई की सिमी करण सहित उमेश गुप्ता, आयुष खरे, योगेश पटेल, प्रसून बोपचे जैसे युवाओं ने एक सिलसिला बना दिया है। वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के तनय राज ने नीट में परचम लहराया।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पहली बार छत्तीसगढ़ में ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ के गठन का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी और लोककला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी आदि संस्थाएं काम करेंगी। हमारा प्रयास है कि यह काम जल्दी से आगे बढ़े ताकि आप लोगों को सही मंच, मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन मिल सके। इसके अलावा साहित्यकारों, कलाकारों और उनके परिवारजनों को सहायता देने के अनेक प्रावधान भी हैं। हमने स्थानीय कला-संस्कृति को महत्व देते हुए यह कोशिश की है कि हमारे स्थानीय कलाकारों को भरपूर अवसर मिले।
‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़‘
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी दीपेश कुमार सिन्हा, शिखर सिंह, आकर्षि सहित अन्य सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने नारा दिया था, ‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़।’ हमें पता है कि विरासत में हमें बेहद कमजोर खेल अधोसंरचना मिली है, वहीं खिलाड़ियों को भी बहुत से अभावों से जूझना पड़ता था। इसलिए हमने ‘छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण’ का गठन किया। हॉकी, फुटबाल, बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है। अब ‘खेलो इंडिया योजना’ के तहत रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की आवासीय हॉकी अकादमी तथा बिलासपुर में तीरंदाजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। बिलासपुर में तीरंदाजी, हॉकी और एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय अकादमी, जगदलपुर में फुटबॉल तथा रनिंग सिंथेटिक टर्फ ग्राऊंड, अम्बिकापुर इंडोर हॉल की मंजूरी प्राप्त की गई है।
प्रदेश के सभी नगरीय-निकायों तथा पंचायतों में ‘राजीव युवा मितान क्लब’ का गठन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से युवाओं के सर्वांगीण विकास का कार्य किया जाएगा। हमारी योजना है कि प्रत्येक जिले में स्थानीय विशेषता के अनुसार प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित की जाएं और उसमें उद्योगों की मदद भी ली जाए। मुझे तो विगत वर्ष मनाए गए युवा महोत्सव की याद आ रही है, जिसमें ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक युवाओं ने भाग लिया था और हजारों युवा साथी राज्य स्तरीय प्रदर्शन के लिए रायपुर आए थे। इस वर्ष कोरोना के कारण वैसा आयोजन नहीं हो पा रहा है, लेकिन हम प्रयास करेंगे कि भविष्य में कोई बड़ा आयोजन हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह व्यवस्था की है कि बेरोजगार युवा यदि स्नातक इंजीनियर हैं तो इन्हें ई-श्रेणी में एकीकृत पंजीयन कर ब्लॉक स्तर पर 20 लाख तक के कार्य दिए जाएं। इन्हें एक वर्ष में अधिकतम 50 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी। वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण युवाओं को भी ई-पंजीयन की सुविधा दी गई है, ताकि वे भी निर्माण कार्यों में सीधी भागीदारी निभा सकें। इसके अलावा बेरोजगार डिग्रीधारीध्डिप्लोमाधारीध्राज मिस्त्री को भी आसानी से रोजगार दिलाने के लिए पृथक से निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत स्नातक इंजीनियरों को एक बार में 50 लाख तक और वर्ष में 2 करोड़ रू. तक का दिया जाएगा। डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को एक बार में 25 लाख रू. तक तथा वर्ष में अधिकतम एक करोड़ रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी। राज मिस्त्रियों को एक बार में 15 लाख रू. तथा वर्ष में अधिकतम 60 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।