नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कोरोना की वैक्सीन कोवीशील्ड के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को ऑर्डर दे दिया है। यह ऑर्डर एक करोड़ 10 लाख डोज का है। इसके मुताबिक, वैक्सीन के हर डोज की कीमत 200 रुपए होगी। SII के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वैक्सीन मंगलवार सुबह तक डिस्पैच होने की उम्मीद है। पब्लिक सेक्टर की कंपनी HLL लिमिटेड ने सरकार की ओर से यह ऑर्डर जारी किया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 3 जनवरी को कोवीशील्ड को अप्रूवल दिया था।
पांच सवालों से समझें वैक्सीन का सफर
1. पूरे देश में कैसे डिस्ट्रीब्यूट होगी
सीरम इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में वैक्सीन के डोज 60 अलग-अलग पॉइंट पर भेजे जाएंगे। वहां से इन्हें डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए आगे भेजा जाएगा। पुणे की एक कंपनी कूल एक्स ने देश भर में वैक्सीन पहुंचाने के लिए तैयारी कर ली है।
कंपनी के MD राहुल अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि यह तैयारी एक महीने पहले शुरू कर दी गई थी। हमें भारत में कहीं भी वैक्सीन पहुंचाने के लिए रेडी रहने के लिए कहा गया है। हमारे पास लगभग 350 वाहन हैं। 500 से 600 गाड़ियां बैकअप में रखी गई हैं। ऑर्डर मिलने के 3-4 घंटे बाद ही हम वैक्सीन लोड करना शुरू कर सकते हैं।
देशभर में 41 डेस्टिनेशन (एयरपोर्ट्स) की पहचान की गई है, जहां वैक्सीन की डिलीवरी होगी। उत्तरी भारत में दिल्ली और करनाल को मिनी हब बनाया जाएगा। पूर्वी क्षेत्र में कोलकाता और गुवाहाटी को मिनी हब बनाया जाएगा। गुवाहाटी को पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए नोडल पॉइंट बनाया है। चेन्नई और हैदराबाद दक्षिण भारत के लिए तय पॉइंट्स होंगे।
2. कब से लगनी शुरू होंगी
देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इसकी तैयारियों को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। उन्होंने कहा कि हम दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने जा रहे हैं। ये हम सभी के लिए गौरव की बात है। जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है, वो दोनों मेड इन इंडिया हैं।
देश में वैक्सीनेशन की रिहर्सल के लिए ड्राई रन चल रहा है। इसके दायरे में 736 जिले शामिल किए गए हैं। इसका मकसद यह है कि रियल वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले पता चल जाए कि क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं।
3. कौन सी वैक्सीन और आएंगी
PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में बताया कि चार और वैक्सीन प्रोसेस में हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री जल्द ही भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के लिए भी परचेज ऑर्डर साइन करने वाली है। इसके लिए बातचीत चल रही है। इसके अलावा अमेरिका की कंपनी फाइजर भी वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए एप्लाई कर चुकी है।
अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला ZyCoV-D नाम से वैक्सीन बना रही है। इसे आने में कम से कम तीन महीने का वक्त लग सकता है। इसके अलावा रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट की बनाई स्पूतनिक V का देश में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी फेज-2/3 ट्रायल्स कर रही है।
4. कितने लोगों का वैक्सीनेशन होगा
भारत की वैक्सीनेशन ड्राइव दुनिया में सबसे बड़ी है। 16 जनवरी से शुरू होने वाले पहले फेज में तीन करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं।
इसके बाद 27 करोड़ हाई-रिस्क वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें सीनियर सिटीजन और वह लोग शामिल हैं जिन्हें हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है। इन्हें अगस्त 2021 तक वैक्सीनेट करने की योजना है। सरकार ने 30 करोड़ लोगों वैक्सीन लगाने की तैयारी की है।
5. कितनी प्रभावी है कोवीशील्ड
हर व्यक्ति को वैक्सीन के दो डोज लेने होंगे। इन्हें 28 दिन के अंतर से दिया जाएगा। दो डोज लेने पर ही वैक्सीन का शेड्यूल पूरा होगा। दूसरा डोज देने के दो हफ्ते बाद शरीर में कोरोना से बचाने वाली एंटीबॉडी बन जाएंगी। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोवीशील्ड का प्रोडक्शन कर रही है।
इसका हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही। एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही। दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। ब्रिटिश रेगुलेटर्स ने इसे 80% तक इफेक्टिव माना है।