नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों से वार्ता के लिए चार सदस्यों वाली एक कमेटी का गठन किया है। लेकिन इस बीच किसान संगठनों ने कमेटी को लेकर असहमति जताई है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में कमेटी ने सिफारिश की थी। गुलाटी ने ही कृषि कानूनों की सिफारिश की थी।
हमारा आंदोलन सरकार के साथ चलता रहेगा: राजेवाल
किसान नेता राजेवाल ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी का हमने कल ही विरोध कर दिया और हमारा आंदोलन सरकार के साथ चलता रहेगा। सभी कमेटी सदस्य सरकार के पक्ष में हैं। लेख लिख-लिखकर कमेटी सदस्यों ने कानूनों को जस्टिफाई किया है। आज हमने पंजाब किसान संगठनों के साथ बैठक की कल हम पूरे संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक करेंगे। सोमवार को हमने प्रेस नोट में बताया था कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई कमेटी बनाएगा तो हमें मंजूर नहीं है। हमें लगता है कि जो सरकार नहीं कर पाई वो सुप्रीम कोर्ट के जरिए करा रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सारे सदस्य सरकार को सही ठहराते रहे हैं। ये लोग प्रेस में लेख लिखकर कानूनों को सही ठहराते रहे हैं तो ऐसी कमेटी के सामने क्या बोलें। हमारा ये आंदोलन चलता रहेगा।
संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा कल करेगा
राकेश टिकैत ने ट्वीट किया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे हैं। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी। देश का किसान इस फैसले से निराश है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा।