रायपुर 1। प्रदेश भर में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है । इस बीच राजधानी रायपुर में इस तरह पक्षियों के मरने का यह पहला मामला है । शहर के पंडरी इलाके में पगारिया कॉन्प्लेक्स के पास शाम के वक्त कुछ मरे हुए कबूतरों पर लोगों की नजर पड़ी। आसपास देखने पर कुछ ही दूरी पर करीब 12 कबूतर मृत मिले।
कलेक्टर ने ली पोल्ट्री फार्म संचालकों की बैठक,बर्ड फ्लू की आशंका होने पर प्रशासन को तत्काल करें सूचित
उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य में अधिकारिक तौर पर बर्ड फ्लू के पॉजिटिव केस नहीं पाए गए हैं। किंतु देश के कई राज्यों में पॉजिटिव केस पाए जाने कि पुष्टि हो चुकी हैं। उन्होंने पोल्ट्री फार्म संचालकों से कहा कि सरकार आपके साथ हैं आशंका होने पर तत्काल प्रशासन को सूचित करें।
उन्होंने संचालकों से कहा कि जैव सुरक्षा मानकों के सामान्य मार्ग निर्देश का पालन करें। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू के बचाव एवं रोकथाम के लिए पोल्ट्री फर्मो में विशेष रूप से साफ सफाई बरती जाए तथा मुर्गियों की बीमारी के बारे में सूचना मिलते ही तत्काल जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग को सूचना दी जाए। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा कि संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर काम करें जिसे समय पर त्वरित होकर कार्यवाही की जा सके।
उन्होंने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर ने सेनेटरी बायोगैस तथा बायोमेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल सही तरीके से करने कहा ।
पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि हमारे राज्य के निकट के तीन राज्यों में बर्ड फ्लू के पॉजिटिव केस की पुष्टि हो गई है। जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम बना लिया गया है और सर्विलांस टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि रोग नियंत्रण कार्य में पोल्ट्री फार्म संचालकों का काम महत्वपूर्ण होता है ।सभी फार्म संचलाको के प्रशासन का सहयोग करना होगा।
पोल्टी फॉर्म संचालकों ने प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने की बात कही उन्होंने कहा कि जैव सुरक्षा के सामान्य मार्ग निर्देशों का उनके द्वारा पालन किया जाएगा। इस अवसर पर पोल्ट्री फॉर्म संचालक एवं संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
जिला पशु अस्पताल के डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि कबूतरों का इस तरह से मरना बर्ड फ्लू ही हो यह जरूरी नहीं है। यहां पाए गए कबूतरों के सैंपल की जांच की जाएगी इसके लिए सैंपल भोपाल भेजे जाएंगे ।
3 दिन के समय के बाद रिपोर्ट आएगी जिससे यह साफ हो सकेगा कि कबूतरों की मौत किस वजह से हुई। डॉक्टर जैन ने दावा किया कि कई बार फूड प्वाइजनिंग या मौसम के बदलाव की वजह से भी पक्षियों में इस तरह से मौत देखी जाती है।