महिला से गैंगरेप के बाद फरार पुलिस जवान को क्राइम ब्रांच ने 10 महीने के बाद पकड़ा है। घटना के समय आरोपी जवान डबरा थाना में पदस्थ था। जब उस पर मामला दर्ज था तो उसके पांच दिन बाद पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन का फायदा उठाकर वह अपने ही विभाग को चकमा देता रहा। एसपी ने क्राइम ब्रांच को उसे गिरफ्तार करने का टास्क दिया था। क्राइम ब्रांच ने उसे मंगलवार रात को उसके ही घर से गिरफ्तार कर लिया है।
डबरा थाना क्षेत्र के ग्राम बारौली में रहने वाली 23 वर्षीय महिला 20 मार्च 2020 को अपने बेटे के साथ डबरा अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आई हुई थी, लेकिन जब वह अस्पताल पहुंची तो उसे पता लगा कि जन्म प्रमाणपत्र के लिए बेटे के दस्तावेज लाना भूल गई है। वह वापस घर जाने के लिए निकली थी कि उसे उसका रिश्ते में देवर लगने वाला नागेंद्र कुशवाह और नागेन्द्र का साथी आरक्षक गोविंद मिल गए। इन्होंने उसे अपनी कार में बैठा लिया और सुनसान इलाके में बने एक खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। साथ ही उसे धमकाया था कि किसी से इस बात का जिक्र तक न करे। महिला ने मामले की शिकायत डबरा पुलिस थाने में की थी। पुलिस ने उसकी शिकायत पर पूर्व में एक आरोपी नागेंद्र को पकड़ कर जेल भेज दिया, लेकिन आरक्षक तभी से फरार चल रहा था। इस वारदात में फरार आरक्षक को पकड़ने के लिए एसपी अमित सांघी ने क्राइम ब्रांच पुलिस को पकड़ने का टास्क दिया। क्राइम ब्रांच पुलिस ने अपने स्तर से पता किया कि आरक्षक के अपने घर आने की सूचना मंगलवार रात को मिली थी। जिस पर पुलिस ने उसे दबिश देकर गिरफ्तार किया है। उसे बुधवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में एएसपी देहात जयराज कुबेर का कहना है कि पुलिसकर्मी का नाम रेप के मामले में था। उसे पकड़ा गया है।
घटना के बाद तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था। घटना 20 मार्च 2020 की थी। उसके पांच दिन बाद ही 25 मार्च के पूरे देश में एक साथ लॉकडाउन लग गया। कोरोना के चलते पुलिस की प्राथमिकताएं बदल गईं। इसलिए आरोपी जवान बचता रहा था।