हैदराबाद। मोबाइल एप के जरिये तत्काल लोन देने के मामले में तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को एक और चीनी नागरिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया। एप कंपनियों के खिलाफ कर्ज लेने वालों का उत्पीड़न करने की जांच चल रही है, जिसके चलते कई लोग अब तक खुदकुशी कर चुके हैं। पुलिस ने बताया कि रचकोंडा पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में पुणे स्थित एक काल सेंटर को उजागर किया था, जिसका लोन लेने वालों से पैसे वापस लेने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
अब तक 50 मामले दर्ज
इसी मामले की जांच में रचकोंडा पुलिस की एक टीम ने महाराष्ट्र के ठाणे से इन दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। मोबाइल एप के जरिये तत्काल लोन देने वालों के खिलाफ मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न के साथ ही खुदकुशी के लिए मजबूर करने के लगभग 50 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में अब तक चीन के चार नागरिकों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
चीनी नागरिक है इन कंपनियों का निदेशक
रचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत ने बताया कि गिरफ्तार चीनी नागरिक जुलाई, 2019 में भारत बिजनेस वीजा पर भारत आया था। वह उन तीन चीनी नागरिकों के प्रतिनिधि के तौर पर यहां कम रह था, जो एप के जरिये लोन देने वाली कंपनियों में निदेशक हैं।
उत्पीड़न से छह लोग दे चुके हैं जान
तेलंगाना में पिछले साल दिसंबर से अब तक एप कंपनियों के उत्पीड़न से तंग आकर लोन लेने वाले छह लोग खुदकुशी कर चुके हैं। ये कंपनियां लोगों को उच्च ब्याज दर पर लोन देती हैं और प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर भी मोटी रकम वसूलती हैं।
बार-बार किया जाता है फोन
लोन की एक भी ईएमआइ देने में देरी होने पर कंपनियों की तरफ से काल सेंटर के जरिये लोन लेने वालों को बार-बार फोन किया जाता है। यही नहीं उनके परिचितों और स्वजनों को भी फोन कर लोन चुकाने के लिए कंपनियों द्वारा दबाव बनाया जाता है। लोन लेने वालों को कंपनियों द्वारा धमकाया भी जाता है। अब तक की जांच में इस तरीके से 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का पता चल चुका है।