अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए चंदा जुटाने का काम आज से शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके ने आरएसएस और उसके आनुषांगिक संगठनों के नेताओं को 21 हजार रुपए का चेक सौंपकर अभियान की शुरुआत की। बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वित्तीय मदद जुटाने को श्री राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह अभियान समिति का गठन हुआ है।
राज्यपाल अनुसूईया उइके ने आज दोपहर बाद श्रीराम मंदिर निर्माण निधि संग्रह अभियान के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दाैरान उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को 21 हजार रुपए का चेक सौंपा। समिति ने उन्हें मंदिर का स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे विश्व हिन्दु परिषद के कोषाध्यक्ष रमेश मोदी ने बताया, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर में निधि संग्रह अभियान आज से शुरूआत होना था। छत्तीसगढ़ में राज्यपाल से निधि प्राप्त कर इसकी औपचारिक शुरूआत की जा रही है।
राज्यपाल से चंदा लेने वालों में श्रीराम मंदिर निर्माण निधि संग्रह अभियान समिति के प्रांत प्रमुख बृजलाल गोयल, निधि संग्रह प्रमुख घनश्याम चौधरी, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राजेन्द्र दुबे शामिल थे। बताया जा रहा है कि यह समिति अब पूरे प्रदेश में आनुषांगिक संगठनों के जरिए चंदा इकट्ठा करेगी। इस अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा भी शामिल हो रही हैं।
इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम मंदिर के नाम पर पहले लिए गए चंदे पर सवाल उठा दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है, भाजपा ने राम मंदिर के शिलान्यास के लिए मांगे गए पैसे का अब तक हिसाब नही दिया है। अब फिर से धन संग्रह किया जा रहा है। उन्होंने कहा, इसका हिसाब जनता को बताना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पूछा कि आखिर उसका हिसाब छुपाने का क्या कारण है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हो रहा है। मंदिर निर्माण के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कमेटी बनी है। मंदिर निर्माण उसी कमेटी की देख रेख में होगा। कमेटी ने मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए अपना बैंक खाता भी सार्वजनिक किया है। जिस किसी को मंदिर निर्माण में सहयोग करना होगा, इसी खाते में कर सकता है। अब आरएसएस किस हैसियत से मंदिर के नाम पर चंदा एकत्रित करने जा रहा है?
CM के बयान पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। रमन सिंह ने कहा, रामकाज में विघ्न डालने का कांग्रेस का इतिहास रहा है। पहले पूछते थे, प्रभु श्रीराम का अस्तित्व है क्या? फिर पूछने लगे मंदिर की तारीख कब बताओगे? अब मंदिर निर्माण होने लगा तो पूछते हैं कि चंदे का हिसाब कब दोगे?
जवाब में कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम मंदिर के चंदे का हिसाब मांग लिया तो रमन सिंह को क्यों तकलीफ हो रही है? रमन सिंह अब कम से कम यह तो न कहे कि चंदे का हिसाब न देना भी रामकाज है। त्रिवेदी ने कहा, भाजपा को आगे बढ़ाने के लिये राम नाम और राम नाम से एकत्रित चंदे की धनराशि का उपयोग बंद होना चाहिए।
कांग्रेस का दावा शिलापूजन के लिए जुटाए थे 1400 करोड़
कांग्रेस नेता और पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दावा किया, आरएसएस के अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदु परिषद ने शिलापूजन के बहाने ईंटो के साथ-साथ 1400 करोड़ रुपए एकत्रित किये थे। त्रिवेदी ने कहा, राम मंदिर के नाम पर इकट्ठा किए गए इस चंदे का कोई हिसाब विश्व हिंदु परिषद या आरएसएस या भाजपा ने आज तक नहीं दिया है।