छत्तीसगढ़ शासन ने योजना के तहत नक्सल पीड़ित परिवार को सुविधाएं देने का वादा किया था। लेकिन ये सुविधाएं परिवार तक नही पहुंच पा रही है। इन सुविधाओं में शासकीय नौकरी, आर्थिक सहायता राशि, केंद्र और राज्य शासन की मदद से शहरी क्षेत्र में मकान, शिक्षा के लिए छात्रवृति और आर्थिक मदद, साथ ही राशनकार्ड पर 1 रुपए किलो राशन की दर शामिल है। इस योजना का लाभ पाने अब नक्सल परिवार न्यायालय की सहायता लेने को मजबूर है। 2019 में राजनांदगांव के 40 परिवारों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी जिसके बाद कुछ परिवारों को 1 रुपये किलो राशन और बस पास की सुविधा मिली। इसके अलावा कोई भी सुविधा नही दी गयी। वही कुछ परिवारों को राजीव गांधी फाउंडेशन की ओर से छात्रवृत्ति दी जा रही है।