बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने ‘लव जिहाद’ मामले पर एक बार फिर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह टर्म इसलिए उछाली गई है ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दूरी बनी रहे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे इस बात से बहुत नाराजगी है कि यूपी में लव जिहाद का तमाशा बनाकर लोगों को आपस में बांटा जा रहा है। जिन लोगों ने यह शब्द गढ़ा है उन्हें जिहाद शब्द का मतलब ही नहीं पता है। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसी बातें राजनीति की देन हैं।
नसीरुद्दीन ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में बताते हुए कहा कि रत्ना पाठक से शादी से पहले मेरी मां ने पूछा था कि क्या शादी के बाद वह धर्म परिवर्तन कर लेगी। उन्होंने कहा कि मैंने मां के इस सवाल का जवाब ‘नहीं’ में दिया था। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मैंने हमेशा यह समझा कि एक हिंदू महिला से मेरी शादी समाज में उदाहरण होगी। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में पढ़ाया है। लेकिन हमने उनसे कभी यह नहीं कहा कि वह किसी एक धर्म को फॉलो करें। मेरा हमेशा मानना रहा है कि ये मतभेद धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे।’
नसीरुद्दीन शाह ने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई इतना बेवकूफ हो सकता है जो ये मान ले कि मुस्लिम, हिंदू जनसंख्या को ओवरटेक कर लेंगे। इसकी कल्पना भी नहीं हो सकती। पिछले साल नवंबर में, उत्तर प्रदेश जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश पारित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया। पिछले कुछ महीनों में, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी विवाह की आड़ में हिंदू महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के कथित प्रयासों के खिलाफ कानून बनाने की योजना पर बात की है।
बता दें बीते वर्ष नसीरुद्दीन शाह के एक बयान पर तब बवाल मच गया था जब उन्होंने इंटरव्यू में कहा था कि कई स्थानों पर गौ हत्या को किसी पुलिसकर्मी की हत्या से अधिक महत्व दिया जा रहा है। इसके बाद नसीरुद्दीन ने कहा था, इसका गलत मतलब निकाला गया कि ‘मैं डर महसूस कर रहा हूं। ‘
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि युवा प्रेमी जोड़ों के लव जिहाद के नाम पर उत्पीड़न से वह बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा कि यह वह दुनिया नहीं है, जिसका हमने सपना देखा था। यही नहीं ,नसीरुद्दीन ने अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि आखिर मेरे बच्चों का क्या होगा, जिन्हें मैंने किसी विशेष धर्म की शिक्षा ही नहीं दी है।