रायपुर। प्रदेश के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कांग्रेस ने संकल्प लिया, इसका उल्लेख संकल्प पत्र में किया और प्रदेश की जनता के बीच पहुंचे। चुनाव काल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी सभाओं में आम जनता को संबोधित करते हुए न्याय की बात कही, जिस पर प्रदेश की जनता ने विश्वास किया और कांग्रेस पर भरोसा व्यक्त करते हुए प्रदेश की सत्ता की कमान कांगे्रस के हाथों में सौंप दी। नतीजतन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पर कांग्रेस आलाकमान ने विश्वास व्यक्त करते हुए सरकार चलाने का दायित्व सौंप दिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे राहुल का न्याय बताया, जिस पर अमल करने की बात कहते हुए उन्होंने प्रदेश के किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का विश्वास दिलाया, लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी, तो भूपेश सरकार ने अंतर की राशि के लिए न्याय योजना की घोषणा कर दी। इस योजना को विधानसभा में विधेयक के तौर पर प्रस्तुत किया गया और अब इस पर अमल का वक्त आ चुका है।
भूपेश सरकार 21 मई से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि से इस योजना के तहत प्रदेश के सभी किसानों को अंतर की राशि मुहैया कराने वाली है। भूपेश सरकार ने इस योजना के लिए 5100 करोड़ की बजट राशि का प्रावधान किया है, जिससे प्रदेश के 20 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इससे पहले भूपेश सरकार ने 18 लाख किसानों के करीब 8800 करोड़ का कर्ज माफकर उन्हें राहत दी थी।
दूसरी तरफ वनांचलों में निवासरत और वन उत्पादों के जरिए जीवनयापन करने वालों का ध्यान रखते हुए भूपेश सरकार ने उनके लिए भी बड़ी सोच विकसित की है। एक तरफ जहां तेंदूपत्ता प्रति बोरा संग्रहण पर 4000 रुपए देय का प्रावधान किया है, तो वहीं वनोपज की संख्या 7 से बढ़ाकर 25 कर दी है। यानी कि अब वनोपज के 25 प्रकार का संग्रहण करने वाले मजदूरों को सीधे तौर पर सरकार से राहत मिलेगी।