अदालत ने आम आदमी पार्टी के मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कर्मचारियों से मारपीट करने व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने कहा कि सभी साक्ष्यों व गवाहों के बयानों से आरोपी का अपराध साबित हुआ है। अदालत ने सोमनाथ भारती को सजा संबंधी फैसला शनिवार को तय किया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष भारती पर लगे आरोप साबित करने में सफल रहा है। गवाहों के बयानों से स्पष्ट है कि आरोपी ने अपने साथियों के साथ आकर एम्स में हंगामा किया। उसे रोकने पर कर्मचारियों से मारपीट की गई और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। वहीं अदालत ने चार अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
अदालत ने भारती को आईपीसी की धारा 323, 353, 143 के तहत व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने संबंधी धारा तीन के तहत दोषी ठहराया है। इस आरोप में अधिकतम सजा 2 वर्ष तक है। ऐसे में तय है कि सजा के खिलाफ अपील तक भारती को जमानत मिल जाएगी। कानून के तहत तीन वर्ष या उससे कम सजा वाले मामलों में अपील दायर करने तक जमानत का प्रावधान है।
वहीं अदालत ने मामले में सह-आरोपी जगत सैनी, दलीप झा, संदीप उर्फ सोनू एवं राकेश पांडे को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन आरोपियों का बिना शक अपराध साबित करने में असफल रहा है ऐसे में वे संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।
यह मामला 2016 का है। पेश मामले में आप विधायक सोमनाथ भारती के खिलाफ 9 सितंबर 2016 को एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने हौजखास थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। सुरक्षा अधिकारी का आरोप था कि भारती व अन्य ने सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। इतना ही नहीं अस्पताल की शांति भंग करने का प्रयास भी किया।
शिकायत में कहा गया था कि तीन सौ अधिक समर्थकों के साथ आरोपी विधायक ने सुरक्षा अधिकारी की पिटाई की थी। इस मामले में भारती की गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि उन्हें जमानत मिल गई थी।