दुर्ग। एमआईसी सदस्य व राजस्व प्रभारी ने पार्किंग घोटाले पर बड़ा खुलासा किया है। ऋषभ जैन ने बताया कि घोटाले का सारा खेल दुर्गेश गुप्ता के कार्यकाल में ही हुआ था। इस पूरे मामले में एमआईसी सदस्य व राजस्व प्रभारी ऋषभ जैन ने बड़ा खुलासा किया है पार्किंग घोटाले को लेकर उन्हें पूरे दस्तावेज प्रस्तुत कर तत्कालीन प्रभारी अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा की गई हेरा फेरी सामने रखी है। दस्तावेज़ों की माने तो घोटाले का पूरा खेल जून 2019 से मार्च 2020 के बीच चला इस दौरान इंदिरा मार्केट पार्किंग में 542102 का घोटाला हुआ। इतनी राशि ठेकेदार ने निगम कोष में जमा नहीं की है या फिर इस अवधि में बाजार विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस राशि को डकार गए। इसी प्रकार नया बस स्टैंड पार्किंग में कुल 360000 का घोटाला हुआ यह भी सितंबर 2019 से मार्च 2020 की राशि है, यह राशि भी निगम कोष में जमा नहीं हुई। दोनों पार्किंग राशि को मिलाकर देखा जाए तो यह 900000 रुपए से भी अधिक है। इतनी बड़ी राशि यदि दोनों पार्किंग स्थलों के ठेकेदारों ने जमा नहीं की है तो आखिर निगम ने इनके खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की है। अब तक प्रशासन द्वारा इन ठेकेदारों को नोटिस क्यों नहीं दिया गया। ऋषभ जैन का कहना है कि पार्किंग घोटाले को प्रशासनिक घोटाला कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि एक ही मामले में दो जिम्मेदार होने के बाद भी एक पर कार्रवाई करना निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
आयुक्त व तत्कालीन बाजार अधिकारी दुर्गेश गुप्ता की मिली भगत
नगर पालिक निगम दुर्ग में पार्किंग घोटाले पर राजस्व प्रभारी ऋषभ जैन ने पूरे दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए इस पूरे घोटाले का राज खोला है। दोनों की स्थलों की ठेका राशि का भुगतान निगम राजस्व में जमा नहीं हुआ है। तात्कालीन बाजार अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा इंदिरा मार्केट के पार्किंग ठेका के अंतर्गत 31 मई 2019 को मिली राशि को ठेका वर्ष 2019-20 में पटा दिखाने का प्रयास किया गया। वहीं बस स्टैंड पार्किंग के एवज में 30 जुलाई 2019 को मिली राशि को ठेका वर्ष 2019-20 में पटा दिखाने का प्रयास किया गया। इस प्रकार जून 2019 से मार्च 2020 तक यह पूरा खेल चलता रहा। बाजार प्रभारी ऋषभ जैन का कहना है कि प्रतिमाह ठेका अवधि को बढ़ाया तो गया लेकिन सितंबर तक का ही भुगतान मिला है। सितंबर 2019 के बाद से मार्च 2020 तक के ठेके का किसी भी फाइल में जिक्र नहीं है। यही नहीं सितबंर 2019 से मार्च 2020 तक आयुक्त इंद्रजीत बर्मन व तात्कालीन बाजार अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा बड़ा खेल किया गया। प्रशासनिक अधिकारी होने का लाभ लेते हुए दोनों ने मिलीभगत की।
ऐसे समझे पूरे घोटाले को
इंदिरा मार्केट के पार्किंग का ठेका 15 मई 2018 से 14 मई 2019 तक 13 लाख एक हजार रुपए में हुआ। इंदिरा मार्केट के पार्किंग से निगम को 15 मई 2018 से 31 मई 2019 तक अवधि में कुल 13 लाख 501 रुपए प्राप्त हुए।
इंदिरा मार्केट वाहन पार्किंग ठेका वर्ष 2018-19
15/05/2018 से 14/05/2019 तक कुल राशि 13,01000
रसीद बुक क्रं दिनांक राशि
58/75 02/01/2018 – 650501 रुपए
266/67 10/01/2019 – 325000 रुपए
316/193 12/05/2019 – 325000 रुपए
इसके बाद प्रतिमाह ठेका अवधि को बढ़ाया जाने लगा जिसके एवज में निगम को 108417 रुपए मासिक शुल्क मिलना था। 15 मई 2019 से मार्च 2020 तक निगम को कुल 10 लाख 84 हजार 170 रुपए मिलने चाहिए थे लेकिन निगम को पांच माह के शुल्क की भुगतान किया गया। इस बीच निगम कोश में 5 लाख 42 हजार 68 रुपए जमा हुए और 5 लाख 42 हजार 102 रुपए की राशि शेष बाकी रहे।
मासिक शुल्क वसूली दिनांक 15/05/2019 से मार्च 2020 तक
रसीद बुक क्रं दिनांक जमा राशि
316/29. 02/07/2019 108417 रुपए
379/81 07/09/2019 216835 रुपए
379/81 29/01/2020 108417 रुपए
379/81 19/03/2020 108417 रुपए
कुल जमा 542068 रुपए
कुल जमा होना था 1082170 रुपए
शेष बचे 542102 रुपए
बस स्टैंड के पार्किंग का ठेका 3 जून 2018 से 2 जून 2019 तक 14 लाख 40 हजार रुपए में हुआ। इसी प्रकार बस स्टैंड की ठेका अवधि 3 जून 2018 से 2 जून 2019 तक निगम को 14 लाख 40 हजार रुपए मिले।
बस स्टैंड वाहन पार्किंग ठेका वर्ष 2018-19
03/06/2018 से 02/06/2019 तक कुल राशि 1440000
रसीद बुक क्रं दिनांक राशि
234/14 05/07/2018. 350000 रुपए
253/09 11/09/2018 370000 रुपए
295/39 15/03/2019 360000 रुपए
316/44 30/07/2019. 360000 रुपए
इसके बाद ठेका अवधि में प्रति माह वृद्धि के बाद 2 जून 2019 से मार्च 2020 तक 1 लाख 20 हजार रुपए मासिक पटना था। इसके एवज में निगम कोश में मार्च 2020 तक 8 लाख 40 हजार रुपए जमा हुए और 3 लाख 60 हजार रुपए राशि शेष है।
मासिक शुल्क वसूली दिनांक 02/06/2019 से मार्च 2020 तक
रसीद बुक क्रं दिनांक जमा राशि
379/80 07/11/2019 240000
379/83 07/11/2019 120000
379/83 08/11/2019 120000
379/83 27/12/2019 120000
379/83 24/01/2020 120000
379/83 19/01/2020 120000
कुल जमा 840000
कुल जमा होना था 1200000 रुपए
शेष बचे 360000 रुपए
बड़ा सवाल दो अधिकारी दोषी तो एक पर कार्रवाई क्यों घ्
नगर निगम दुर्ग के अंतर्गत इंदिरा मार्केट व बस स्टैंड पार्किंग घोटाले में नगर निगम आयुक्त ने शुक्रवार को प्रभारी बाजार अधिकारी थान सिंह यादव को स्थानांतरित कर दिया। पार्किंग घोटाले की जांच के दौरान जांच प्रतिवेदन में थान सिंह यादव व पूर्व बाजार प्रभारी दुर्गेश गुप्ता दोषी करार दिए गए थे इसके बाद भी केवल एक अधिकारी पर कार्यवाही की गई, जबकि दुर्गेश गुप्ता पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। अभी मामले की जांच चल रही है इस बीच प्रभारी बाजार अधिकारी को हटाना आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। एक तरफा कार्यवाही कर आयुक्त इंद्रजीत बर्मन पूर्व बाजार अधिकारी दुर्गेश गुप्ता को बचाना चाह रहे हैं यह बड़ा सवाल है।