दक्षिण भारतीय भाषाओं की फ़िल्मों के लिए पिछले कुछ सालों से हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के निर्माताओं और प्रोडक्शन हाउसेज के बीच बेताबी देखी जा रही है। हिंदी फ़िल्में बनाने वाले निर्माता और निर्देशक इन फ़िल्मों में इनवेस्ट करने के साथ-साथ हिंदी पट्टी में इन्हें वितरित करने के अधिकार भी ख़रीद रहे हैं। पिछले कुछ सालों में ये चलन बढ़ा है, जब हिंदी फ़िल्मों के प्रोडक्शन हाउसेज़ ने दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में दिलचस्पी दिखायी हो, जिसके चलते दक्षिण भारतीय भाषाओं की फ़िल्मों के रीमेक होने के साथ उन्हें हिंदी दर्शकों के बीच बड़े पैमाने पर रिलीज़ भी किया जा रहा है। ऐसी फ़िल्मों पर एक नज़र।
केजीएफ चैप्टर 2
2018 में फ़रहान अख़्तर और रितेश सिधवानी की कम्पनी एक्सेल एंटरटेनमेंट ने एए फ़िल्म्स के साथ मिलकर कन्नड़ फ़िल्म केजीएफ चैप्टर 1 के हिंदी पट्टी में रिलीज़ करने के लिए वितरण अधिकार ख़रीदे। यह फ़िल्म भी सफल रही और अब इसका सीक्वल केजीएफ चैप्टर 2 आ रहा है, जिससे काफ़ी उम्मीदें की जा रही हैं। इस बार फ़िल्म के मुख्य कलाकार यश के सामने संजय दत्त खड़े नज़र आएंगे, जो फ़िल्म में विलेन का किरदार निभा रहे हैं। इस फ़िल्म का निर्देशन प्रशांत नील ने किया है।
लाइगर
करण जौहर की कम्पनी धर्मा प्रोडक्शंस ने कुछ दिन पहले तेलुगु सितारे विजय देवरकोंडा की फ़िल्म लाइगर का एलान किया था। इस फ़िल्म में करण निर्माता की भूमिका निभा रहे हैं। विजय देवरकोंडा के साथ अनन्या पांडेय फीमेल लीड रोल में हैं, जिन्हें करण ने स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से बॉलीवुड में लॉन्च किया था। इस फ़िल्म को करण पैन-इंडिया स्तर पर रिलीज़ करेंगे।
आरआरआर
निर्देशक एसएस राजामौली की फ़िल्म RRR पर भी सबकी नज़र है। बाहुबली के बाद राजामौली की लोकप्रियता दक्षिण भारत से निकलकर पूरे भारत में फैल चुकी है। बाहुबली के बाद अब दशहरे पर 13 अक्टूबर को आरआरआर रिलीज़ होगी, जिसको लेकर हिंदी दर्शकों के बीच काफ़ी उत्सुकता है। यह फ़िल्म दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ-साथ हिंदी में भी रिलीज़ की जा रही है। फ़िल्म में राम चरन और एनटीआर जूनियर के साथ अजय देवगन और आलिया भट्ट जैसे सितारे अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे।
जर्सी का हिंदी रीमेक
2019 की हिट तेलुगु फ़िल्म जर्सी का हिंदी रीमेक भी इस साल की बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में शामिल है। इसी नाम से आ रही फ़िल्म दिवाली पर रिलीज़ होगी। तेलुगु जर्सी में नानी ने मुख्य किरदार निभाया था, जबकि हिंदी रीमेक में शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में हैं। दोनों फ़िल्मों का निर्देशन गौतम तिन्नौरी ने किया है। शाहिद इससे पहले तेलुगु हिट अर्जुन रेड्डी के हिंदी रीमेक कबीर सिंह में भी काम कर चुके हैं, जो काफ़ी सफल रही थी।
दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के रीमेक के लिए मारामारी की मिसाल हाल ही में रिलीज़ हुई मास्टर है, जिसके हिंदी रीमेक के अधिकार ख़रीदने के लिए करण जौहर और निर्माता मुराद खेतानी के बीच रेस लगी, जिसे मुराद जीतने में कामयाब रहे। मुराद खेतानी ने ही अर्जुन रेड्डी के राइट्स भी ख़रीदे थे और कबीर सिंह को को-प्रोड्यूस किया था।
बाहुबली से हुई हिंदी में रिलीज़ करने की शुरुआत
पिछले कुछ सालों में इस चलन की शुरुआत करने का श्रेय करण जौहर को दिया जा सकता है, जिन्होंने निर्देशक एसएस राजामौली की 2015 में आयी तेलुगु फ़िल्म बाहुबली- द बिगिनिंग और फिर 2017 में आये इसके सीक्वल बाहुबली 2- क कन्क्लूज़न को हिंदी पट्टी के दर्शकों के बीच पहुंचाया। बाहुबली 2- द कन्क्लूज़न ने दुनियाभर में कमाई के रिकॉर्ड बनाये, मगर हिंदी पट्टी में इसे जो कामयाबी मिली, वो अभूतपूर्व रही।
बाहुबली 2 के हिंदी संस्करण ने 500 करोड़ से अधिक नेट कलेक्शन किया था, जो एक रिकॉर्ड है। इन दोनों फ़िल्मों की बॉक्स ऑफ़िस सफलता ने दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के लिए नज़रिया ही बदल दिया। बाहुबली के मुख्य किरदार प्रभास हिंदी दर्शकों के बीच भी लोकप्रिय हो गये। इस फ़िल्म के बाद प्रभास की अगली फ़िल्म साहो का तेलुगु के साथ हिंदी भाषा में भी निर्माण किया गया। हालांकि, साहो बाहुबली जैसी कामयाबी नहीं दोहरा सकी।