रायपुर। देश के विभिन्न हिस्सों से मजदूरों को छग लाने का सिलसिला लगातार जारी है। उन्हें घर भेजने से पहले ऐहतियातन क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है, ताकि यदि कोई कोरोना पाॅजिटिव निकलता है, तो तत्काल उसे अस्पताल दाखिल कराया जा सके और प्रदेश के लोगों को महामारी की जद में आने से बचाया जा सके। लेकिन इन प्रवासी मजदूरों ने पुलिस और प्रशासन को परेशान करना शुरू कर दिया है। किसी सेंटर में लस्सी की डिमांड हो रही है, तो कहीं चिकन और बिरयानी मांगा जा रहा है। समझाइश देने पर क्वारंटाइन सेंटर में तरह-तरह का तमाशा करने से भी ये लोग बाज नहीं आ रहे हैं। हद तो यह है कि ये मजदूर हमलावरों की तरह पेश आने लगे हैं और केयरटेकर को लगातार धमका रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि भूपेश सरकार ने प्रदेशभर से देश के दूसरे हिस्सों में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार से मिन्नत कर ट्रेनों की व्यवस्था कराई है, जहां से टेªने की सुविधा नहीं है, वहां पर बकायदा बसें भेजी गईं और मजदूरों को लाने का सिलसिला जारी है। इन मजदूरों को राज्यभर के क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है, ताकि इस बात की संतुष्टि कर ली जाए कि कोई पीड़ित तो नहीं है। और यदि है, तो उसका उपचार कराया जा सके। लेकिन दूसरे प्रदेशों से लौटे छग के प्रवासी मजदूर इस कदर प्रशासन को परेशान करने पर उतारू होंगे, इस बात को जरा भी नहीं सोचा गया था।
केस 1 – मुंगेली जिले के एक क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए मजदूरों ने सोमवार के दोपहर लस्सी की मांग की। केयर टेकर ने लस्सी देने की अनुमति शासन से नहीं होने की जब बात कही, तो उस पर मजदूरों ने हमला कर उसे चोटिल कर दिया।
केस 2 – बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां पर सोमवार रात मजदूरों ने खाने में चिकन देने की मांग की। इस पर जब मना किया गया, तो मजदूरों ने यहां पर भी केयरटेकर को घेरने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस मौके पर पहुंच गई, तो मजदूरों ने पुलिस को नहीं बख्शा।
पर्याप्त भोजन की व्यवस्था है
भूपेश सरकार ने प्रशासन को इन प्रवासी मजदूरों के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। प्रशासन भी इन मजदूरों के लिए इंतजाम में किसी तरह की कोताही नहीं कर रही है, इसके बावजूद कई सेंटरों में इस तरह के हालात जानने और सुनने में आ रहे हैं, जिससे अव्यवस्था फैल रही है।