नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन जो घटना सामने आई उसके बाद सभी का दिल दहल गया। किसानों ने रैली के नाम पर दिल्ली के सड़कों में उत्पात मचाया। घटना में सैकड़ों पुलिस वाले घायल हो गये। लाल किले में खालिस्तान का झन्डा लहराया। इस घटना के बाद पुरे देश में किसान आन्दोलन और उत्पात मचाने वालो को लेकर निंदा की गई। प्रशाशन ने 200 से अधिक किसानो के खिलाफ अपराध दर्ज किया। काई संगठनों के नेताओं नोटिस जारी कर जवाब मंगा है कि वजह बताए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यूँ ना किया जाए। वही यूपी और दिल्ली पुलिस ने किसानो को यूपी गेट से हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। डीएम अजय शंकर पांडेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं। धरना स्थल खाली करने के लिए राकेश टिकैत ने पुलिस से एक घंटे का समय मांगा है। चर्चा यह भी है कि वह सरेंडर भी कर सकता है। गाजियाबाद प्रशाशन ने जगह खली करने का आदेश दिया था।
बताया जा रहा है कि मेरठ रेंज से भारी फोर्स यहां आ चुकी है। लखनऊ से सीधे संकेत दिए गए हैं कि किसानों को यहां से हटाया जाए। वहीं यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था), प्रशांत कुमार ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बॉर्डर,दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया। बागपत में लोगों को समझाने के बाद उन्होंने रात में धरना खत्म कर दिया। यूपी गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है।