अंतरजातीय विवाह आज भी कुछ समाज में एक दंडनीय अपराध है। फरसाबहार ब्लॉक के पंडरीपानी में एक परिवार इसी कुरीति का दंश झेल रहा है। बंजारा समाज के एक लड़के ने पिछले साल 2020 में दूसरी जाति की लड़की से विवाह कर ली थी, जिसके कारण लड़के के परिवार से समाज में रहने के एवज में जुर्माना भरवाया गया और पिता को समाज प्रमुखों के सामने पुत्र का परित्याग करना पड़ा। इसके लिए उससे लिखित में लेटर भी ले लिया गया। बहिष्कार का दंश झेल रहे इस लड़के ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से न्याय की गुहार लगाई है।
पंडरीपानी निवासी प्रवीण बंजारा पिता अशोक बंजारा ने बताया कि उसने 2020 में अंतरजातीय विवाह कर लिया था, जिसके कारण समाज प्रमुख अध्यक्ष लालजीत नायक और समाज के अन्य प्रतिनिधियों द्वारा उनका समाज से बहिष्कार कर दिया था। प्रवीण ने बताया कि उसके माता-पिता से समाज प्रमुख व अन्य प्रतिनिधियों ने 5 हजार रुपए का दंड भराने के बाद एक पत्र भी लिखवाया, जिसमें उसे पुत्र से कोई नाता नहीं रखने की बात कही गई है।
बैठक में समाज के पदाधिारियों ने प्रवीण के परिवार को हिदायत दी कि वे प्रवीण से किसी भी तरह का संबंध व संपर्क ना रखें। ना तो त्योहार व शादी ब्याह की खुशियों में उसे शामिल करें और ना ही िकसी की मृत्यु में उसे बुलाए। प्रवीण ने कहा है कि जब सरकार खुद अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन दे रही है तो समाज के लोग इस तरह का रीति आज भी क्यों चला रहे हैं। पीड़ित पुत्र ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति व प्रशासन से मामले की जांचकर उसे न्याय दिलाने की मांग की है।
अंतरजातीय विवाह योजना: बीस साल में जशपुर जिले में सिर्फ दो को मिल पाई प्रोत्साहन राशि
आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में अंतरजातीय विवाह पर समाज का पहरा इस कदर है कि बीते 20 साल में सिर्फ दो लोग अंतरजातीय विवाह की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सके हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने यह योजना चलाई जाती है। 2020 में पहली बार इस याेजना के तहत दो हितग्राहियों को चेक दिए गए हैं। इससे पहले अंतरजातीय विवाह कर इस राशि के लिए एक भी आवेदन विभाग के पास नहीं आए थे।