रायपुर। यूनिफाइड कमांड कि बैठक में नक्सल प्रभावित गतिविधियों पर चर्चा हुई, जिसमे सीआरपीएफ की 5 नई बटालियन को कैम्पस के जरिये तैनात करने का फैसला किया गया है ।
यूनिफाइड कमांड की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, केंद्रीय गृह विभाग के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार के अलावा मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी डीएम अवस्थी, गृह विभाग के एसीएस सुब्रत साहू, स्पेशल डीजी आर के विज, अशोक जुनेजा के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के अफसर मौजूद रहे ।
अर्धसैनिक बालों की तैनाती तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओड़िशा के उन रास्तों पर होगी जहा से नक्सली पुलिस और अर्धसैनिक बालों को चकमा देकर राज्य में प्रवेश करते है।
बैठक में फैसला हुआ कि यह ऑपरेशन पतझड़ के शुरु होते ही शुरू कर दिया जाएगा क्युकी बारिश में घने जंगलों में नक्सलियों पर नज़र रखना आसान नहीं होती और उसी के विपरीत पतझड़ में विजिबिलिटी बढ़ जाती है, ऐसे समय में जंगल के घुसकर ऑपरेशन करने में सुरक्षा बलों को आसानी होती है। कैंप बनाने के लिए जरूरी संसाधन पहुंचाने में भी दिक्कत नहीं आती। जून के पहले पखवाड़े तक अलग-अलग टोलियों में सुरक्षा बल छापामार शैली में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाएंगे।
बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति से नक्सली बैकफुट पर आए हैं। आने वाले समय में हम नक्सलियों को घेरने में सफल होंगे और नक्सलवाद समाप्ति की ओर तेजी से बढ़ेंगे। सीएम बघेल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि यूनिफाइड कमांड की यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक में जब उन्होंने पूछा था कि नक्सलियों से लड़ने की क्या रणनीति है, तो बताया गया था कि कोई रणनीति नहीं है।
उसके बाद विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति अपनाई। इसमें काफी सफलता मिल रही है। सेंट्रल और स्टेट फोर्स में को-ऑर्डिनेशन बहुत बढ़िया है। ज्वाइंट ऑपरेशन भी कर रहे हैं। आज स्थिति ये है कि टेलिफोनिक चर्चा के आधार पर अफसर बहुत सारी समस्याओं को हल कर लेते हैं।