उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित शहरों में से एक बनारस के लोगों के लिए चिंता की खबर है। जिले में ठंड के साथ ही प्रदूषण भी खाफी तेजी से बढ़ रहा है। बीते शनिवार की शाम को वाराणासी भारत के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में एक था। यहां के सभी प्रमुख इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का ही जौनपुर शहर था। इस स्तर को दर्ज किए जाने के बाद लोगों को अलर्ट भी कर दिया गया है। साथ ही ठंड और प्रदूषण से सावधानी बरतने भी कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईक्यूएयर की ओर से बीते शनिवार को रात रियल टाइम रैंकिंग जारी की गई। इसमें वाराणसी पहले नंबर पर रहा. वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 431, जौनपुर का 412 और मडियाहूं का 378 रहा। शहर की बात करें तो आईक्यूएयर के आंकड़ों के अनुसार लंका का एयर क्वालिटी इंडेक्स 431 और नाटी इमली रोड का 372 रहा। जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अर्दली बाजार क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स 219 था। पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 356, ओजोन की अधिकतम मात्रा 179 और नाइट्रोजन आक्साइड की अधिकतम मात्रा 134 रही। इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है और इस रैंकिंग को खतरनाक माना गया है।
बौलिया, बीएचयू और सारनाथ ज्यादा प्रदूषित
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी शहर की वायु गुणवत्ता की हालत बेहद खराब है। बीते शनिवार को शहर के 15 प्रमुख स्टेशनों की रिपोर्ट के अनुसार बौलिया का इलाका सबसे अधिक प्रदूषित रहा। वहीं शहर का फेफड़ा कहे जाने वाले इलाके बीएचयू, सारनाथ और कैंटोमेंट की भी हालत खराब रही। बौलिया का एयर क्वालिटी इंडेक्स 441 दर्ज किया गया तो कैंट स्टेशन का 427। वहीं बीएचयू का एक्यूआई 413 और सारनाथ का 374 रहा। बीएचयू के वैज्ञानिक प्रो. बीडी त्रिपाठी ने बताया कि पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा हवा में बढ़ने के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हुई है।