रायपुर। खम्हारडीह में पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे की बहू नेहा धृतलहरे (30) और उसकी बेटी अनन्या (9) की जूते की लेस से गला घोंटकर हत्या दोनों ननदोइयों अजय राय और डाॅ. आनंद राय ने की थी। दोनों सगे भाई भी हैं। वारदात में दीपक सायतोड़े भी शामिल था। साइबर सेल ने इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। इनमें से डाॅ. आनंद और उसके दोस्त दीपक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि अजय अपने बड़े भाई डाॅ. आनंद और दीपक को लेकर नेहा के घर 25 लाख रुपए उधार मांगने गया था। अजय पहले भी तरुण के पैसे डुबा चुका था, इसलिए नेहा ने उधार देने से इंकार कर दिया। इसके बाद तीनों ने जूते की लेस से नेहा का गला घोंट दिया।
बच्ची अनन्या दोनों को पहचानती थी, इसलिए उसकी भी हत्या की। फिर दोनों शव दीवान के भीतर ठूंस दिए। तीनों को एक साथ निकले तो शक हो सकता है, इसलिए डाॅ. आनंद और दीपक को घर में बंद कर अजय बाहर आ गया।
उसका प्लान था कि देर रात आकर दोनों को ले जाएगा। लेकिन नेहा के भाई-बहन अचानक पहुंच गए और हत्या का खुलासा हो गया। आरोपी अजय राय की तलाश में पुलिस ने पिछले 24 घंटे में कई जगह छापे मारे हैं, लेकिन वह फरार है। पुलिस ने बताया कि वह नेहा और उसके पति तरुण से इसलिए नाराज था क्योंकि अजय-आनंद की निस्संतान बुआ (नेहा की बुआ सास) ने सिमगा रोड पर अपनी 17 एकड़ जमीन तरुण के नाम कर दी थी।
आरोपी उसमें अपनी पत्नियों के नाम से हिस्सा मांग रहे थे। लेकिन नेहा देने को तैयार नहीं थी। अजय आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इस वजह से वह नेहा से उधार मांग रहा था, लेकिन नेहा ने इंकार कर दिया था। वारदात वाले दिन यानी शनिवार को अजय अपने बड़े भाई डाॅ. आनंद को इसलिए ले गया था कि शायद नेहा उसकी बात मान ले। हालांकि पुलिस का दावा है कि उसने प्लान कर लिया था कि अगर नेहा नहीं मानेगी तो उसकी हत्या कर देगा। उसने इस प्लान पर अमल भी किया।
दोनों शव आधी रात जंगल ले जाकर फेंकने का प्लान
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने हत्या के बाद दो तरह की प्लानिंग की। पहला यह था कि आधी रात दनों शवों को निकालेंगे और कार से जंगल ले जाकर फेंक देंगे। दूसरा प्लान यह था कि फिर भी शव नहीं ले जा सके तो जेवर-पैसे लेकर निकल जाएंगे।
इसीलिए डाॅ. आनंद और दीपक को मौके पर छोड़ा गया। जिस वक्त नेहा के भाई-बहन घर पहुंचे, तब अजय अपार्टमेंट के बाहर कार में बैठा था। दोनों ताला तोड़कर घर में घुसे, तब उसे भंडाफोड़ की आशंका हुई और वह मोबाइल बंद कर भाग निकला। भीतर डाॅ. आनंद और दीपक मिल गए और यह हत्याकांड के खुलासे में महत्वपूर्ण साबित हुआ।