बस्तर। थर्ड जेंडर समुदाय एक लंबे अरसे से अपनी अस्मिता के लिए आवाज उठा रहा है। उनकी मांगों पर तीन साल पहले उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगाई है। कोर्ट के आदेश के अनुक्रम में वर्ष 2017 में शासकीय भर्तियों के लिए रिक्त पदों के लिए तृतीय लिंग समुदाय को आवेदन करने के लिए पात्र माना गया। कतिपय कारणवश भर्ती प्रक्रिया निरस्त हो गई थी। मंगलवार को पुलिस भर्ती प्रक्रिया के तहत शारीरिक परीक्षण किया गया जिसमें बस्तर जिले से थर्ड जेंड समुदाय की रिया परिहार व कोंडागांव से पुरूष वर्ग में एक प्रत्याशी ने हिस्सा लिया।
बताया गया कि कोर्ट के आदेश के परिपालन में समाज कल्याण विभाग द्वारा पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके लिए आदेश्वर अकादमी ने मैदान उपलब्ध करवाया। ज्ञात हो कि समाज में थर्ड जेंडर समुदाय को उपेक्षित नजर से देखा जाता रहा है। संविधान के तहत सम्मानपूर्वक जीवनयापन के लिए इस समुदाय के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए पुलिस भर्ती में थर्ड जेंडर के अभ्यर्थिंयों के इच्छा अनुरूप पुरूष या महिला वर्ग में भर्ती में पात्रता दिए जाने का आदेश दिया। इसके अनुपालन में समाज कल्याण विभाग द्वारा इस समुदाय को न केवल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, वरन उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से प्रतियोगी तैयारी के लिए तैयार करवाया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग ने दी है ट्रेनिंग
इन अभ्यर्थियों को समाज कल्याण विभाग व पुलिस विभाग की पहल पर आदेश्वर अकादमी के मैदान में एक माह तक पुलिस भर्ती प्रक्रिया के तहत दौड़, भाला फेंक व गोला फेंक आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उप संचालक समाज कल्याण विभाग श्रीमती वैशाली मरवाडार स्वयं खेल में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने दोनों प्रतिभागियों को व्यक्तिगत रूचि लेकर प्रशिक्षण दिलाया। दोनों प्रतिभागियों ने पूरा विश्वास जताया कि उनका चयन जरूर होगा।
समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक वैशाली मरडवार ने बताया कि थर्ड जेंडर समुदाय को पुलिस भर्ती परीक्षा में पात्र करने के निर्णय के तहत संभाग के दो प्रतिभागियों को विभाग की ओर से पुलिस विभाग व निजी संस्थान की सहयोग से प्रशिक्षित किया गया। हमें उम्मीद है कि उनका चयन जरूर होगा। यह हर्ष का विषय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने थर्ड जेंडर को पुलिस बल के लिए योग्य मानते उन्हें अवसर दिया।
तृतीय लिंग समुदाय बस्तर के अध्यक्ष रिया सिंह परिहार ने कहा कि थर्ड जेंडर समुदाय यह मांग कर रहा है कि प्रत्येक 500 पुलिस के पीछे एक थर्ड जेंडर को सेवा का अवसर मिलना चाहिए। इसी अनुक्रम में उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला दिया है पर हमारे समुदाय के लिए अजा, अजजा के तरह आरक्षण किया जाना चाहिए तभी हम समानता के साथ जीवन यापन कर सकेंगे।