रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद एक ओर जहां बड़ी तेजी के साथ राजधानी रायपुर में माल कल्चर बढऩे लगा था। वहीं बड़ी तेजी के साथ अब माल्स की हालत खराब होने लगी है। बीते चार वर्षों में जहां बैंक के कर्जदार बने दो माल्स को खरीदार नहीं मिल रहे है। जानकारी के अनुसार रायपुर स्थित आरके माल व सिटी सेंटर 36 पर बैंक का 50 करोड़ से अधिक का बकाया भी है। वहीं पंडरी स्थित एक माल के भी बिकने की चर्चा शुरू हो गई है। आरके माल का तो आक्शन हो भी चुका है, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। बताया जा रहा है कि पंडरी स्थित सिटी सेंटर माल की नीलामी भी अगले माह दो मार्च को होने वाली है। बताया जा रहा है कि इसकी नीलामी की कीमत भी 165 करोड़ रुपये रखी गई है।
व्यापारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंडरी स्थित यह माल नागपुर की एक कंपनी की है और माल के लिए साढ़े नौ लाख वर्गफीट जमीन लीज पर दी गई थी। बैंक का कर्ज जमा नहीं पाने के कारण माल को सीज कर दिया गया और कर्ज की रकम निकालने के लिए आफर बुलाए गए है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहली बार नीलामी की बोली 204 करोड़ रुपये रखी थी, लेकिन उस समय नीलामी नहीं हो पाई। अब एक बार नीलामी के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए गए है और इसकी रकम 164 करोड़ 40 लाख 20 हजार रुपये रखी गई है। बताया जा रहा है कि नीलामी के लिए 20 फरवरी तक आफर दिए जा सकेंगे और अगले माह दो मार्च को ई-नीलामी होगी। बताया जा रहा है कि माल को लेकर शुरू से ही विवाद है। माल आरडीए की जमीन पर है और इस माल में प्राधिकरण के कोटे की 39 हजार वर्गफीट की 11 दुकानें है। सूत्रों के अनुसार ये दुकानें दूसरे व तीसरे फ्लोर में है। इसका भी विवाद माल के साथ जुड़ा हुआ है।