बिलासपुर। जिले में पुलिस धोखाधड़ी के पुरानी शिकायतों पर जमी धूल झाड़कर उस पर जांच की जा रही है। पुलिस ने एक ही माह में पुरानी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 21 मामले दर्ज किए हैं। आइजी रतनलाल डांगी ने रेंज में पद संभालते ही पुरानी शिकायतों की जांच करने आदेश दिया था। मामले में जिले के अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी के 21 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें सर्वाधिक 13 मामले अकेले सिविल लाइन थाने में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा कोनी में एक, सरकंडा में छह, मस्तूरी में दो, तारबाहर में दो, कोटा में तीन, तोरवा में दो और बिल्हा में एक मामला दर्ज किया गया है।
इनमें कई मामले चार साल से ज्यादा पुराने हैं। वहीं नौकरी लगाने के झांसा देने के मामले में की जांच में भी एक साल से अधिक का समय लगा दिया। आइजी रतनलाल डांगी के आदेश के बाद सभी थानों में ऐसे मामलों की जांच में तेजी आई है। अब थानों में प्रार्थी को बुलाकर उनका बयान लिया जा रहा है। साथ ही जुर्म दर्ज कर आरोपित की तलाश की जा रही है।
दो थानों के बीच घूमता रहा पीड़ित
धोखाधड़ी के मामले में नगोई निवासी सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी उमेंद राम यादव दो थानों के बीच दो साल तक घूमते रहे। उन्होंने दोनों थानों में शिकायत की थी। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही थी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने तीतली चौक स्थित एसबीआइ से क्रेडिट कार्ड लिया था। धोखाधड़ी करने वालों ने 23 फरवरी 2018 को उनके मोबाइल में फोन कर गोपनीय जानकारी ले ली।
इसके बाद उनके खाते से 58 हजार की खरीदारी कर ली गई। के्रडिट कार्ड शाखा से फोन आने पर उन्हें मामले की जानकारी हुई। इसके बाद उन्होंने सरकंडा और तोरवा थाने में शिकायत की थी। दो साल बाद उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए तोरवा थाने में जुर्म दर्ज किया गया है।
इस तरह हैं मामले
जमीन संबंधी मामले चार
नौकरी संबंधी मामले चार
व्यापार में धोखाधड़ी दो
आनलाइन धोखाधड़ी 14
शासन के खाते में हेराफेरी एक