मुंगेली। प्रदेश के मुंगेली जिले में फाॅरेस्ट ऑफिसर को ब्लैकमेल कर करीब 1.40 करोड़ रूपए कथित पत्रकारों के द्वारा ऐंठने का मामला सामने आया है। जिन दो पत्रकारों का नाम सामने आया है, वे एक वेब पोर्टल से संबंधित बताए गए हैं। इन आरोपियों ने अधिकारी को सीबीआई में शिकायत का धौंस दिखाकर लूटना शुरू किया था।
सवाल यह है कि फारेस्ट अधिकारी कथित पत्रकारों की धौंस से क्यों डर गए ? लाखों रुपए उनके हवाले करने के बाद ही क्यों रेंजर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई ? पहले यह कदम उठाकर क्यों कथित लुटेरे पत्रकारों को पुलिस के हवाले नहीं किया ? इसका सीधा मतलब यही है कि फाॅरेस्ट रेंजर कहीं न कहीं भ्रष्टाचार में संलिप्त था। इस वजह से वह सीबीआई की धौंस देने वाले कथित पत्रकारों के साथ सेटलमेंट की कोशिश में लगा हुआ था, लेकिन आरोपियों की मांग जब गले के ऊपर आ गई, तब जाकर रेंजर ने पुलिस में ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई।
बहरहाल पुलिस ने कथित पत्रकारों को हिरासत में ले लिया है, लेकिन अब फाॅरेस्ट रेंजर की वास्तविक कमाई का लेखा-जोखा भी किया जाना जरुरी हो गया है कि आखिर क्यों रेंजर सीआर नेताम ने ब्लैकमेलरों के सामने सरेंडर किया और 1 करोड़ 40 लाख रुपए वसूले जाने तक इंतजार करते रहे। इतनी बड़ी रकम फारेस्ट रेंजर के पास आखिर कहां से आई ? इन सवालों का जवाब आना बाकी है।