देश के उच्च प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना देख रहे उन अभ्यर्थियों को राहत देने के लिए सरकार समहत हो गई है, जिन्होंने पिछले साल यूपीएससी की आखिरी परीक्षा दी थी लेकिन वे सफल नहीं हो पाए थे. केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बताया कि जिन लोगों ने अंतिम प्रयास किया लेकिन परीक्षा देने की उम्र बची है उन्हें एक और मौका दिया जा सकता है.
केन्द्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह कहा गया है कि जिन लोगों की उम्र सीमा ज्यादा हो गई है, उन्हें नया मौका नहीं दिया जा सकता है. अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. सिविल सेवा के उम्मीदवारों के लिए एक अन्य मौका देने की मांग वाली याचिका शीर्ष कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में UPSC परीक्षा का अंतिम प्रयास किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 30 सितंबर को देश के कई हिस्सों में कोरोना और बाढ़ के कारण यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने से इनकार कर दिया था. उसके बाद 4 अक्तूबर 2020 को आयोजित की गई थी.
गौरतलब है कि आमतौर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 32 साल की उम्र तक 6 अवसर दिया जाता है. वहीं, ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार 35 वर्ष की उम्र तक 9 बार परीक्षा दे सकते हैं. जबकि, एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवार 37 वर्ष की आयु तक जितनी बार चाहें, परीक्षा में भाग ले सकते हैं.