भोपाल। रैगिंग के मामले में कोर्ट ने चार आरोपी छात्राओं को 5-5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साल 2013 में राजधानी के एक निजी कॉलेज में बी-फॉर्मा की पढ़ाई कर रही छात्रा के साथ रैगिंग की गई थी। रैगिंग से तंग आकर छात्रा ने खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में आया था। 8 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया।
शुक्रवार को कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज अमित रंजन ने यह फैसला सुनाया है। प्रदेश सरकार से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद भी रैगिंग के मामले थम नहीं रहे हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश देश में रैगिंग होने वाले राज्यों की लिस्ट में टॉप-5 पर बना हुआ है। साल 2020 में मप्र रैगिंग के मामले में देश में दूसरे नंबर पर था।