नई दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि किसी भी फैसले से समूचे देश का सहमत होना संभव हो ही नहीं सकता. उन्होंने साफ कहा कि किसी भी फैसले से देश की समूची आबादी का सहमत हो जाना मुमकिन नहीं है. इस मसले में असहमति के कुछ न कुछ स्वर तो उभरेंगे ही. उन्होंने कहा, हिन्दुस्तान इतना बड़ा देश है कि कोई भी फैसला शतप्रतिशत सभी को स्वीकार्य हो, ऐसा संभव हो ही नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है, सो, किसी जगह एक फैसला बहुत लाभ देता होगा, तो हो सकता है, किसी दूसरी जगह, वह कम लाभ देगा.उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले जिसका बहुमत को फायदा होता है, को लागू किया जाता है.
किसान कानून के मसले पर पीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानूनों को ‘ब्लैक लॉ’ बताते हुए इसके कलर पर तो चर्चा की लेकिन इसके कंटेंट पर चर्चा करते तो अच्छा होता. उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून लागू होने के बाद न कही मंडी बंद हुई है और न कही MSP बंद हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कृषि कानूनों के ‘कलर’ पर चर्चा की लेकिन यदि वे ‘कंटेंट’ पर भी चर्चा करते तो अच्छा होता. प्रधानमंत्री ने कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान की भावनाओं का सदन आदर करता है, इसीलिए सरकार लगातार आदर भाव के साथ बात कर रही है. लगातार बातचीत होती रही है. किसानों की शंकाएं पर चर्चा कर रहे हैं, कुछ कमी है तो बदलने को तैयार हैं.