दुर्ग.आनलाइन धोखाधड़ी को रोकने हेतु अभियान ‘‘प्रयास’’ राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गर्दान पर 9 फरवरी को प्रारंभ की गई थी। आज धमधा निासी रामू सारथी नामक व्यक्ति ने नए सिविक सेंटर में लगे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पंडाल में आकर बताया कि दो-तीन दिन पहले उसके फोन पर एक काॅल आया था। जिसमें सामने वाले व्यक्ति ने बताया कि आपको एक करोड़ रुपए की इनामी लाॅटरी मिली है। जिसे सुनकर रामू बहुत खुश हो गया था। काॅल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि एक करोड़ रुपए की रकम थोड़ी बड़ी रकम है। इसको प्राप्त करने के लिए आपको सबसे पहले 50 हजार रुपए का टैक्स भरना पड़ेगा तत्पश्चात काॅल करने वाले व्यक्ति ने रामू को 3 दिन का समय दिया और कहा कि 3 दिन के अंदर 50 हजार रुपए जमा करने पर आपको 1 करोड़ रुपए आपके खाते में मिल जाएगा। पैसे की व्यवस्था करने हेतु रामू के द्वारा 50 हजार रुपए का लोन लेने के लिए सिविक सेंटर स्थित बैंक में आया था। तभी उसने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण केंद्र के पंडाल में आकर आनलाइन फ्राॅड के संबंध में जानकारी प्राप्त की पंडाल में उपस्थित पैरा लीगल वालंटियर श्री प्रवीण अग्रवाल ने उसको आनलाइन फ्राॅड होने वाले जानकारी प्रदान की जिस पर रामू ने बताया कि उसे भी 1 करोड़ रुपए की लाॅटरी जीतने का फोन आया था। जिस पर पैरा लीगल वालंटियर ने बताया कि वह काॅल आनलाइन धोखाधड़ी का ही प्रकार है। पैरा लीगल वालंटियर द्वारा रामू की बात बैंक अधिकारियों से भी कराई गई। जिन्होंने रामू को समझाया कि ऐसी कोई लाटरी जीतने कि कोई भी योजना गैर-कानूनी है। जिस पर रामू को समझ में आया कि वह भी इसकी जाल में फंसते-फंसते बच गया। इस धोखाधड़ी का शिकार होने से पहले ही रामू को जागरूकता के माध्यम से बचाया जा सका।
कुछ महीने फोन आया था की आपकी पॉलिसी मेच्योर हो गई है
एक अन्य मामले में भिलाई निवासी संतोष कुमार ने बताया कि कुछ महिने पहले उसके पास एक फोन आया था। जिस पर सामने वाले व्यक्ति ने बताया कि आपकी एक इंस्योरेंस पाॅलिसी है, जो मैच्योर हो चुकी है, परंतु आपको उसके लिए पैसे जमा करने होंगे जिस पर संतोष ने उसके एकाउंट में 20 हजार रुपए जमा करा दिये थे, परंतु बाद में न तो बीमा का पैसा मिला और न ही उस व्यक्ति से संपर्क हो पाया। संतोष कुमार के द्वारा उक्त घटना का विवरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के ‘‘प्रयास’’ अभियान के अंतर्गत लगाए गए शिविर में आकर दी गई। जिस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करने का आश्वासन संतोष कुमार को दिया गया।
अभियान ‘‘प्रयास’’ को मिली सफलता ठगी का शिकार होने से बचा व्यक्ति
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