अमरजीत भगत, खाद्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन
मैनपाट महोत्सव में खुलेआम शराब के काउंटर खोलने और शराब खोरी के मुद्दे पर जब संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से सवाल पूछा गया तो उनके मुंह से विवादित बोल निकल गए। पहले तो मंत्री जी ने महोत्सव की तुलना गोवा,थाईलैंड और ब्राजील जैसे देशों में होने वाले कार्निवल से की । इसके बाद उन्होंने कहा कि
”मैनपाट में सत्यनारायण की कथा नहीं हो रही थी जो भक्ति में लीन रहते लोग,मनोरंजन के लिए आयोजन किया गया था । लोग एंजॉय करने आये थे ।मनोरंजन और पर्यटन की जगह पर लोग मानसिक शांति के लिए आते हैं,आमोद-प्रमोद के लिए आते हैं। भक्ति ने लिए नहीं। हम मनोरंजक आयोजन कर रहे थे ना कि सत्यनारायण की कथा”
तो सुना आपने मंत्री जी का बयान यानी यदि को पर्यटन स्थल है तो वहां आदमी मनोरंजन के नाम पर जो चाहे करे क्योंकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। दारू पीने, हल्ला करने, हुड़दंग मचाने के लिए यदि को पर्यटन स्थल गया है तो वो सही है क्योंकि मंत्री जी के बयान जिस तरफ इशारा कर रहे हैं वो तो यही है। यही नहीं यदि कोई पर्यटन स्थल में ऐसी-वैसी हरकत कर दें तो इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि वो तो सत्यनारायण का कथा सुनने के लिए आया नहीं है वो तो अपनी मानसिक शांति के लिए आया है. फिर चाहे वो अपनी मानसिक शांति को पाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाए।