रायपुर। केंद्र सरकार और एनजीटी के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए रिहायशी इलाकों में किसी भी तरह की प्रदूषण फैलाने वाले संयत्र को अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन राजधानी में यह कारोबार धड़ल्ले से और बीते कई सालों से निरंतर चला आ रहा है। सीधे तौर पर राजधानी में एनजीटी के निर्देशों का खुलेआम माखौल उड़ाया जा रहा है।
हाल ही में जब संतोषी नगर अंतर्गत हनुमान नगर के रहवासियों ने प्लास्टिक फैक्ट्री संचालन को लेकर जब विरोध शुरू किया और प्रदर्शन पर उतारू हुए, तब जाकर मामला खुलकर सामने आया कि इस इलाके में बीते कई सालों से प्लास्टिक वेस्ट गलाने का काम चैबीसों घंटे चल रहा है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि पिछले 1 साल से लगातार फैक्ट्री हटाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अब तक कोई नतीजा निकल कर सामने नही आया है। इस मामले को लेकर शासन-प्रशासन कोई भी गंभीर नजर नहीं है।
इसके साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि इलाके में इस तरह की 10 से ज्यादा फैक्ट्रियां संचालित हो रही है, जहां पर पूरे 24 घंटे प्लास्टिक वेस्ट गलाने का काम किया जाता है, इससे उठने वाले धुएं रहवासियों को पूरी तरह से बीमार बना रहे हैं। इसकी जानकारी कलेक्टर, निगम प्रशासन से लेकर सरकार तक को दी गई है, लेकिन नोटिस चस्पा करने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और विभाग ने पलटकर नहीं देखा है।
इस प्रदूषण की वजह से लोग जहां बीमार हो रहे हैं, वहीं बच्चों का विकास बाधित होने लगा है, इसके बावजूद शासन-प्रशासन मूक-बधिर की तरह बैठा है। लोगों ने फैक्ट्री संचालक पर धमकाने का भी आरोप लगाया है। लोगो का कहना है कि नियमानुसार किसी भी रहवासी क्षेत्र में प्लास्टिक फैक्ट्री का संचालन नहीं किया जा सकता। पर्यावरण विभाग, रायपुर कलेक्टर और नगर निगम सभी को इस बात से अवगत कराया जा चुका है।