मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासियों के हित में लघु वनोपज आधारित विकास हेतु 234 करोड़ 18 लाख रूपए के पूर्व में प्रेषित प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि – छत्तीसगढ़ राज्य में 44 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र वनाच्छादित है तथा 31.80 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी समुदाय के हैं। भारत शासन द्वारा संचालित न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत 38 प्रकार के लघु वनोपज के साथ अन्य 14 प्रकार के लघु वनोपज का राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर पर क्रय किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में आज दिनांक तक लगभग 115 करोड़ रू. मूल्य के लघु वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया है।
कोविड 19 के संकटकाल में सुदूर वनांचल के आदिवासी तथा अन्य संग्राहकों को रोजगार प्रदाय करने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत लघु वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ राज्य देश में कुल संग्रहित मात्रा का 72.5 प्रतिशत संग्रहण कर प्रथम स्थान पर है। इसी प्रकार राज्य में प्रधानमंत्री वन धन योजनांतर्गत 139 वन धन विकास केंद्र स्थापित कर 120 से अधिक हर्बल्स उत्पाद तैयार कर छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नाम से विक्रय किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को लिखा है कि – आपके नेतृत्व में संचालित उपरोक्त दोनों योजनाओं का राज्य द्वारा पूर्ण दक्षता से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्रवासियों को लघु वनोपज आधारित विकास का लाभ प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किए गए है, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज संग्रहण हेतु कार्यपूंजी के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रस्ताव, न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में व्यापार में हुई हानि की प्रतिपूर्ति के लिए 21.91 करोड़ रूपए, लघु वनोपज आधारित कार्य हेतु अधोसंरचना विकास के लिए 46.50 करोड़ रूपए तथा कोविड-19 पेनडेमिक रिपोंस प्लान के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में अजीविका विकास के लिए 65.77 करोड़ रूपए के प्रस्ताव शामिल है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से इन प्रस्तावों को स्वीकृत कर शीघ्र राशि प्रदान करने का अनुरोध किया है।