देश में पाॅर्न वीडियो बनाना, अपलोड करना या उसे शेयर करना संगीन अपराध है, लेकिन बड़ी तादाद में शातिरों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। आलम यह है कि इस तरीके से फर्जी वीडियो बनाकर उगाही तक हो रही है। बदनामी से बचने के लिए लोग मुंह मांगी कीमत तक चुकाने से इंकार नहीं कर पा रहे हैं। जिसका नाजायज फायदा शातिर बदमाश उठाते हैं। इस घिनौनी हरकतों के शिकार कई सफेदपोश भी हो चुके हैं, लेकिन मुंह नहीं खोल पा रहे हैं, क्योंकि दाग उन पर भी लगे हैं।
ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश मुंबई पुलिस ने किया है जो सांसदों, विधायकों के साथ उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारियों को हुस्न की जाल में फंसाते थे। यह गिरोह युवतियों के फर्जी पिक का इस्तेमाल करके सामाजिक जीवन के बड़ी हस्तियों का अपना निशाना बनाता था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर इस सेक्स रैकेट से जुड़ा होने के आरोप हैं।
यह होता है माॅडस ऑपरेंडी
जानकारी के मुताबिक यह रैकेट नामचीन शख्स को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे, उनसे हर तरह की चैटिंग करने के बाद मिलने के लिए भी बुलाते थे। ये गिरोह वीडियो कॉल के जरिए पॉर्न दिखाते थे, इन दृश्यों को देखते समय नेताओं-अधिकारियों की एक्टविटी को रिकॉर्ड कर लेते थे, बाद में इन वीडियो एडिट किया जाता था और इसका इस्तेमाल ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता था। सोशल मीडिया पर एक्टिव ये गैंग वीडियो को पोस्ट न करने के एवज में बड़ी रकम की मांग करती थी।
इस गैंग ने लोगों को फंसाने के लिए 171 फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बना रखी थीं, 4 टेलीग्राम चैनलों का भी पता चला है। पुलिस ने आरोपियों के 58 बैंक अकाउंट्स को सीज किया है। आरोपियों के पास 54 मोबाइल फोन होने का भी पता चला है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को संदेह है कि आरोपियों ने विभिन्न उद्योगों के नामचीन हस्तियों से उगाही की है।