बालाघाट। मध्यप्रदेश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ने से सरकार और प्रशासन ने एक बार फिर अलर्ट जारी कर दिया है। कोरोना के संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाने के साथ ही एहतियातन प्रशासन ने बालाघाट जिले में धारा 144 लागू कर दिया है।
कलेक्टर दीपक आर्य ने कोविड 19 से सुरक्षा के उपाय अपनाने के साथ कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिले में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। सीमाओं में भी चौकसी बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को लेकर भी पूर्व की तरह सतर्कता बरतने की कार्रवाई जा रही है।
भारत के कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में फिर उछाल देखा जा रहा है। ऐसी संभावना है कि इसके पीछे वायरस का नया स्वरूप जिम्मेदार हो सकता है। इस आशंका में कितनी सच्चाई है, इसका पता लगाने को सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले एक महीने में महाराष्ट्र और केरल से करीब 900 सैम्पल भेजे गए हैं। दिल्ली में भी उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकाारियों को क्लस्टर-बेस्ड जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू करने के निर्देश दिए हैं। क्लस्टर-बेस्ड जीनोम सीक्वेंस टेस्टिंग और सर्विलांस से वायरस के किसी म्यूटेशन की पहचान होती है।
खबर के मुताबिक, पंजाब और बेंगलुरु से भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैम्पल्स मांगे गए हैं। तीन से चार दिन में यह साफ हो जाएगा कि इन राज्यों में कोविड केसेज बढ़ने के पीछे कोरोना वायरस का कोई नया वैरियंट है या नहीं। अबतक देशभर में करीब 6,000 सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा चुकी है।
केरल और मुंबई में ‘माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग’ की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह भी पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या नए इलाकों में कोविड क्लस्टर्स बन रहे हैं। भारत में अबतक जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 10 सर्विलांस साइट्स बनाई गई हैं। यूरोप की तरह भारत में बेहद संक्रामक यूके वैरियंट के उतने ज्यादा फैलने के सबूत नहीं मिले हैं। यूके वैरियंट के अबतक 187 केस सामने आए हैं। ब्राजील और साउथ अफ्रीका से भी नए वैरियंट मिले हैं। साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन के अबतक चार केस और ब्राजील वैरियंट का एक केस ही सामने आया है।
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, गोवा, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ को नया ऐक्शन प्लान सौंपा है। यहां पर कोविड केसेज में खासा उछाल देखने को मिला है। केंद्र ने कहा है कि टेस्टिंग के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए म्यूटंट स्ट्रेन्स की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही केसेज के क्लस्टर की निगरानी को भी कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के हवाले से न्यूज एजेंसी IANS ने कहा है कि देशभर में पिछले एक साल में SARS-COV-2 के 24,000 से अधिक म्यूटेशन का पता लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि कोरोनोवायरस के लगभग 7,000 वैरियंट में म्यूटेशन का पता चला है जो देश में सर्कुलेशन में हैं। कोविड-19 के नेशनल टास्क फोर्स के एक प्रमुख सदस्य ने कहा, “हमने वायरस के 7,000 वैरियंट में 24,300 म्यूटेशन का पता लगाया है।” दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने भी आईएएनएस से पुष्टि की है कि वायरस में 24,000 से अधिक म्यूटेशन भारत में दर्ज किए गए हैं।