रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से नई दिल्ली के रेल भवन में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ से केन्द्रीय पूल में 40 लाख मैट्रिक टन चावल उपार्जित किये जाने की मांग की ओर गोयल का ध्यान पुनः आकृष्ट कराया।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री गोयल को इस सबंध में एक पत्र भी दिया। पत्र में यह उल्लेखित है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए भारत सरकार की खाद्य सचिवों की बैठक में छत्तीसगढ़ के लिए 60 एलएमटी चावल केन्द्रीय पूल में लिये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है । भारतीय खाद्य निगम में केन्द्रीय पूल अंतर्गत 24 एलएमटी चावल ही लिये जाने की अनुमति प्रदान की गई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजनांतर्गत समर्थन मूल्य पर 20.53 लाख किसानों से 92 एलएमटी धान का उपार्जन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि एम.ओ. यू. के तहत उपार्जित धान में से राज्य की पीडीएस की आवश्यकता के अतिरिक्त चावल का स्टॉक भारतीय खाद्य निगम को प्रदाय किये जाने के निर्देश हैं, अतः उक्त प्रावधानों के तहत भारत सरकार द्वारा राज्य की आवश्यकता के अतिरिक्त शेष समस्त सरप्लस धान का अनुपातिक चावल 40 एलएमटी को भारतीय खाद्य निगम में केन्द्रीय पूल अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध है।
खरीफ वर्ष 2019-20 में 1.24 करोड़ किसानों से खरीदी की गई थी जो खरीफ वर्ष 2020-21 में 1.54 करोड़ किसानों (24 प्रतिशत वृद्धि) से खरीदी की गई है । जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में खरीफ वर्ष 2019-20 में 18.38 लाख किसानों से 83.94 लाख टन धान की खरीदी की गई थी जो खरीफ वर्ष 2020-21 में बढ़कर 20.53 लाख किसानों (11.69 प्रतिशत वृद्धि) से 92 लाख टन (9.60 प्रतिशत वृद्धि) धान की खरीदी की गई है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान की मात्रा का गतवर्ष खरीफ विपणन वर्ष 2019 20 में उपार्जित धान की मात्रा से तुलनात्मक वृद्धि राष्ट्रीय औसत के अंतर्गत है ।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत बोनस की कोई राशि नहीं दी जा रही है । रकबा आधारित कृषि (इनपुट सपोर्ट) योजना है, जो कि खरीफ की 4 फसलों के लिए है । 2020-21 वर्ष के लिए कोई राशि घोषित नहीं की गई है
उल्लेखनीय है कि पूर्व खरीफ विपणन वर्षों 2016-17, 2017 -18, 2018-19 में भी राज्य शासन द्वारा धान पर प्रोत्साहन राशि (बोनस) प्रदाय किये जाने पर भी खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा किये जाने की अनुमति दी जाती रही है । अतः वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समस्त सरप्लस धान का चावल भारतीय खाद्य निगम में उपार्जन करने के लिए 24 लाख टन अनुमति मात्रा को बढ़ाकर 40 लाख टन किये जाने का अनुरोध है ।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ में 92 लाख मे टन धान का उपार्जन 4.60 लाख गठान बारदानों में किया गया है जूट कमिश्नर द्वारा मात्र 1.09 लाख गठान नये जूट बारदाने की ही आपूर्ति की गई है। अतः प्रदेश में नये जूट बारदाने की उपलब्धता काफी कम है। राज्य शासन द्वारा पीडीएस की आवश्यकतानुसार लगभग 24 लाख टन चावल नागरिक आपूर्ति निगम (सेंट्रल एवंस्टेट पूल हेतु) में भी जमा किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है ।
उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा करने हेतु अधिकतम 49 हजार गठान नवीन जूट बारदाना ही उपलब्ध कराये जा सकेंगे, जबकि 24 लाख मे० टन चावल जमा करने के लक्ष्य हेतु 96 हजार नवीन बारदानों की आवश्यकता है। अतः चावल जमा करने हेतु नवीन जुट बारदानो की लगभग 47 हजार गठान की कमी है। नये बारदानों की कमी के कारण भारतीय खाद्य निगम में दी गई अनुमति 24 लाख टन के विरूद्ध मात्र 4.57 लाख टन चावल ही उपार्जन हो पाया है । नये जूट बारदाने की आपूर्ति धान खरीदी हेतु कुल बारदाने की आवश्यकता का मात्र 25 प्रतिशत ही की गई है अतः नये जूट बारदाने की कमी के कारण used gunny bags का उपयोग भारतीय खाद्य निगम में सीएमआर उपार्जन कार्य में किया जाना आवश्यक हो गया है। उपरोक्त के संबंध में भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। विषय की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में नये जूट बारदाने की कम आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए भारतीय खाद्य निगम में used gunny bags में भी चावल उपार्जन किये जाने हेतु भारतीय खाद्य निगम को निर्देशित किये जाने का अनुरोध है।
सीएम बघेल ने इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री से खाद्य सब्सिडी की दावा राशि 5214.97 करोड़ की प्रतिपूर्ति जल्द किए जाने का आग्रह किया, जिस पर श्री गोयल ने बजट की राशि जारी होने पर 4832 करोड़ रूपए जारी करने का भरोसा दिलाया है। मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे उपस्थित रहे।