मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, जी एंटरटेनमेंट के सुभाष चंद्रा के साथ-साथ रुस्तम फिल्म के निर्माता-निर्देशक व लेखक मुसीबत में पड़ गए हैं। बता दें कि, मामला 2016 में रिलीज हुई फिल्म रुस्तम के एक सीन से जुड़ा हुआ है। एक सीन में वकील को ‘बेशर्म’ कहने के कारण फरियादी मनोज गुप्ता की याचिका पर कटनी की अदालत ने नोटिस जारी किया है। साथ ही सभी को कोर्ट ने सभी को 10 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है।
आपको बता दें कि, साल 2016 में अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘रुस्तम’ के एक सीन में संवाद के दौरान वकील को ‘बेशर्म’ कहने के कारण फरियादी मनोज गुप्ता ने कटनी की अदालत में याचिका दायर की है। बताया जा रहा है कि फरियादी खुद पेशे से वकील हैं। उन्होंने इस फिल्म को अपने साथी अंशु मिश्रा के देखी थी। उन्होंने याचिका में जिक्र करते हुए कहा है कि, फिल्म के एक सीन में फिल्म का मुख्य पात्र (अक्षय कुमार) दूसरे कलाकार (अनंग देवाई) से अदालत की कार्यवाही के दौरान जिरह करते हुए वकील के लिए “बेशर्म” जैसे शब्द का प्रयोग कर रहा है जो कि सरासर गलत है। साथ ही यह शब्द किसी भी व्यक्ति की विधिक कार्य प्रणाली को चुनौती देने वाला और उसकी पेशेवर जीवन को ठेंस पहुंचाने वाला है। ऐसे में वकील को बेशर्म शब्द से संबोधित करने के कारण समस्त वकीलों की मानहानि हुई। इसलिए फरियादी ने अदालत से फिल्म से जुड़े जिम्मेदार लोगों को दंडित किए जाने की गुहार लगाई है।
इस मामले में संज्ञान लेते हुए कटनी कोर्ट ने फिल्म के हीरो अक्षय कुमार, जी एंटरटेनमेंट के सुभाष चंद्रा, डायरेक्टर टीनू सुरेश देसाई, लेखक विपुल के रावल, फिल्म कलाकार अनंग देसाई, सिटी प्राइड सिनेमा हॉल, सिटी मॉल कटनी के मालिक सुरेश गुप्ता समेत अन्य लोगों को 10 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
ऐसे मामलों में क्या है सजा?
विधि मामलों के जानकार के अनुसार, इस मामले में कटनी अपर सत्र न्यायाधीश ने 10 मार्च 2021 को सुनवाई के दौरान पेशी संबंधी नोटिस जारी किया है। फरियादी के वकील मिथलेश जैन ने बताया कि 500, 501, 502 भादंवि के अंतर्गत प्रस्तुत किए गए परिवाद में सभी धाराएं जमानती है। साथ ही इनमें दो साल की सजा या फिर जुर्माने का प्रावधान है।