भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के जरिए रविवार को 19 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए। भारतीय रॉकेट PSLV-C51 को रविवार सुबह 10.24 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से एक लॉन्च पैड के सहारे रवाना किया गया।
इन सैटेलाइट्स में चेन्नई की स्पेस किड्ज इंडिया (SKI) का सतीश धवन ST (SD-ST) भी शामिल है। इस अंतरिक्ष यान के टॉप पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो उकेरी गई है। SKI के मुताबिक, इसके साथ एक एसडी कार्ड में सेव ‘भगवद गीता’ भी भेजी गई है।
इस रॉकेट से 637 किलो के ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। इसके अलावा 18 अन्य सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे गए। इनमें से 13 अमेरिका से हैं। 2021 में भारत का यह पहला अंतरिक्ष अभियान PSLV रॉकेट के लिए काफी लंबा रहा, क्योंकि इसके उड़ान की समय सीमा 1 घंटा 55 मिनट और 7 सेकेंड रही। रविवार सुबह रॉकेट की लॉन्चिंग के साथ ही भारत की तरफ से लॉन्च किए गए विदेशी सैटेलाइट की कुल संख्या 342 हो गई।
अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई पर नजर रखेगा
ISRO के मुताबिक, अमेजोनिया-1 उपग्रह की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विश्लेषणों के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान कर मौजूदा संरचना को और भी मजबूत बनाने का काम किया जाएगा।
18 में से 3 सैटेलाइट्स भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से
18 अन्य सैटेलाइट्स में से चार इन-स्पेस से हैं। इनमें से तीन भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं, जिनमें श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है और 14 एनएसआईएल से हैं।
भारत-ब्राजील के लिए गर्व की बात : सिवन
ISRO के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि यह भारत और ब्राजील दोनों के लिए गर्व का विषय है। अमेजोनिया-1 को पूरी तरह से ब्राजील के वैज्ञानिकों ने बनाया और विकसित किया था। इसके लिए हम उन्हें बधाई देते हैं।