चंडीगढ़। बीते साल पंजाब के अमृतसर, तरनतारन व गुरदासपुर जिले में जहरीली शराब से हुई 100 से ज्यादा मौतों के बाद सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट में लिए गए एक निर्णय के मुताबिक यदि कोई भी व्यक्ति नशीली दवाएं डालकर नकली शराब बेचता है और उसे पीने से किसी की मौत हो जाती है, ऐसे दोषियों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास और 20 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
यह फैसला मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिया गया। प्रवक्ता के अनुसार मंत्रिमंडल ने ऐसी गलत गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों पर नकेल कसने और ऐसे व्यक्तियों को सजा देने के लिए एक्साइज एक्ट में योजनाबद्ध तबदीली करने का फैसला लिया। यह फैसला अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन जिलों में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मद्देनजर लिया गया है जहां जुलाई, 2020 में नकली और मिलावटी शराब का सेवन करने से कई कीमती जानें चली गई थीं।
ऐसे मामलों, जहां नकली या नाजायज शराब के उपभोग से व्यक्ति की मौत या हालत गंभीर हो जाते है, तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए एक्ट में मिसाली संशोधन करने की जरूरत महसूस की गई। पंजाब आबकारी एक्ट में इन धाराओं को शामिल करने का उद्देश्य कानून तोडऩे वालों के मन में कानून का खौफ पैदा करना और दोषियों को कठोर सजा देना है।
बताया गया है कि पंजाब आबकारी एक्ट, 1914 में इसकी उप धारा (1) के तौर पर नई धारा 61-ए शामिल की गई है जिसमें यह व्यवस्था है कि जो व्यक्ति उसके द्वारा तैयार की या बेची गई शराब में किसी भी किस्म के हानिकारक या विशेष पदार्थ जिससे दिव्यांगता या गंभीर हालत या मौत हो सकती है, मिलाता है या मिलाने की अनुमति देता है, सजा का हकदार होगा। व्यक्ति की मौत होने की सूरत में ऐसे दोषी को मौत या उम्रकैद की सजा देने के साथ 20 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा।
दिव्यांग या गंभीर हालत की स्थिति में दोषी को कम से कम 6 साल से उम्रकैद तक की सजा और 10 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। इसी तरह किसी अन्य गंभीर नुकसान पहुंचने की स्थिति में दोषी को एक साल तक की कैद और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। किसी तरह जख्मी न होने के मामले में दोषी को 6 माह तक की कैद और 2.50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।