यूपी के आगरा में बुर्का पहनाकर अगवा की गई नाबालिग लड़की पुलिस को दिल्ली में मिल गई। लड़की वहां एक पीजी में थी। लड़की ने पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने अपहरण की अब तक की सारी कहानी पलट दी है। लड़की ने पुलिस को बताया कि वह नीट परीक्षा की तैयारी की तैयारी के सिलसिले में अपनी बुआ के लड़के के दोस्त के साथ दिल्ली गई थी। उसने कहा कि वह इस लड़के के संपर्क में एक साल से थी और उसी के साथ बुर्का पहनकर दिल्ली गई थी। लड़की का मंगलवार को मेडिकल और कलम बंद बयान दर्ज किया गया है।
इस मामले में पुलिस को अभी मुख्य आरोपी की तलाश है। आरोपियों की तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ छापे मारे रही है। कुछ लड़कों को पुलिस ने हिरासत भी में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि लड़की 23 फरवरी को आगरा के एक अस्पताल में दवा लेने गई थी। परिवारवालों का आरोप है कि वहीं से एक लड़के ने बुर्का पहनाकर लड़की का अपहरण कर लिया। सीसीटीवी फुटेज में वह लड़की के साथ जाता दिखाई दिया। परिजनों ने लड़के के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया।
मेरठ के महताब पर तीसरी बार अगवा करने का लगा आरोप
परिवारवालों ने मेरठ के महताब पर तीसरी बार लड़की के अपहरण का आरोप लगाया। महताब राणा मेरठ में भावनपुर थाना क्षेत्र के रसूलपुर औरंगाबाद गांव का रहने वाला है। वह 2018 में आगरा होटल में नौकरी करने आया था। यहीं उसकी पहचान लड़की के पिता से हुई थी। वह ताजगंज में किराए का कमरा लेकर रहता था। महताब शादीशुदा है। दस साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसके छह बच्चे हैं। आरोप है कि लड़की को अगवा करके वह अपने घर मेरठ ले गया था। दबाव पड़ने पर उसने लड़की को मेरठ के ही एक थाने में छोड़ दिया था। इस घटना के दो महीने बाद फिर से उसके ऊपर लड़की के अपहरण का आरोप लगा। पुलिस ने तब महताब को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
पत्नी और दो भाभियों को जेल भेजा
तीसरी बार लड़की के अपहरण के बाद पुलिस महताब के पीछे लगी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने उसकी पत्नी और दो भाभियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस की एक टीम आरोपी के करीब तक पहुंच गई। जांच में पता चला कि अस्पताल से निकलकर दयालबाग स्थित अस्पताल से लड़की और लड़का एक ऑटो में बैठे थे। ऑटो पर बाहर की साइड पेंटिंग बनी थी। इसी पेंटिंग से पुलिस ने ऑटो को खोज निकाला। ऑटो ड्राइवर से पूछताछ में पता चला कि लड़की और लड़के को उसने भगवान टाकीज पर छोड़ा था। वहां पहले से ही एक कार खड़ी थी। कार ड्राइवर ने बताया कि उसने लड़की को दिल्ली के तिलक नगर में छोड़ा था। दोनों उसमें बैठकर चले गए। उसने कार का नंबर नहीं देखा था लेकिन कार का रंग और समय पुलिस को बताया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से उस कार को भी ढूंढ निकाला।
पीजी में मिली लड़की
सोमवार की देर रात लड़की दिल्ली के एक पीजी से मिली। लड़की ने पुलिस को बताया कि वह नीट की तैयारी करना चाहती थी लेकिन परिवारवाले इसके लिए तैयार नहीं थे। जनवरी 2020 में वह बुआ के घर रहने चली गई थी। बुआ के बेटे के दोस्त से उसका संपर्क हो गया था। उसने उससे नीट की तैयारी कराने को दिल्ली ले जाने को कहा। लड़की ने पुलिस को बताया कि योजना के मुताबिक 23 फरवरी को उसके भाई का दोस्त आगरा आया। वह कार में ही बैठा रहा। दिव्यांशु चौहान के साथ वह दिल्ली आ गई। वह ग्वालियर में रहता है। उसका साथी रिंकू साहू दिल्ली का रहने वाला है। आगरा पुलिस के मुताबिक लड़की को पेइंग गेस्ट में शिफ्ट करने के तुरंत बाद, दिव्यांशु को अपने गृह जिले ग्वालियर में गिरफ्तार हो गया। उस पर वहां साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं दिव्यांशु चौहान और साह के साथ महताब राणा का भी कोई सम्बन्ध तो नहीं है।