रायपुर। राजधानी रायपुर में फाइनेंस कंपनियों की बाढ़ है। खोजबीन कर लोगों के मोबाइल नंबर निकाल पहले तो उन्हें बार-बार लोन देने के लिए फोन किया जाता है। तरह-तरह के ऑफर दिए जाते हैं, कम ब्याज दर, आसान किश्त, फोर्स पेमेंट में छूट और सरचार्ज से मुक्ति की बात कहते हुए फायनेंस करने के लिए तैयार किया जाता है, लेकिन जब वसूली की बारी आती है, तो ग्राहकों के साथ गुंडागर्दी पर उतारु हो जाते हैं।
इसी तरह का एक मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहां स्काई गार्डन अवंति विहार निवासी विपुल सिंह ठाकुर को बात करने के बहाने बुलाया। इसके बाद वसूली एजेंट शाहिद अली और दानिश खान ने तेलीबांधा ओवर ब्रिज के नीचे विपुल व उसके भाई राहुल की बेदम पिटाई कर दी और उनकी कार में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने पीड़ित विपुल की शिकायत पर दोनों आरोपियों के खिलाफ एक्सटॉर्शन (अवैध वसूली) सहित गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
इस तरह की वारदातें किसी एक व्यक्ति के साथ हुई हो, ऐसा नहीं। सही मायने में इस तरह की हरकतें ज्यादातर लोगों के साथ हो रही हैं, लेकिन खुद की मानहानि के डर की वजह से लोग मामले की शिकायत नहीं करते, जिसकी वजह से फायनेंस कंपनियों की गुंडागर्दी बढ़ती जा रही हैं। इस मामले को लेकर राजधानी के वरिष्ठ वित्तीय सलाहकारों और वकीलों का कहना है कि फायनेंस कंपनियों को अपनी लोन राशि वसूलने के लिए कोर्ट की मदद लेनी चाहिए। इस तरह से वसूली गैरकानूनी है।