दुर्ग। जिले के बठेना गांव में शनिवार को एक ही परिवार के 5 लोगों के मौत की खबर आई थी। रविवार को दिनभर पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट इस कांड से जुड़े अहम सुराग जुटाते नज़र आए । मृतक के परिवार वालों से पूछताछ होती रही और गांव वालों से भी पुलिस की टीम में हर पहलू पर जानकारी जुटाने की कोशिश की।
भाई ने किए अहम खुलासे
मृतक रामबृज गायकवाड़ के भाई नील सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों में करीब 12 एकड़ जमीन बेचकर उसके भाई ने अलग-अलग लोगों के लगभग 20 लाख रुपए लौटाए। रामबृज गायकवाड़ ने एक महिला सूदखोर से भी 3 लाख रुपए का कर्ज ले रखा था। ये महिला उसे परेशान कर रही थी। रामबृज ने मुझ से दो दिन पहले कहा था कि पूरे परिवार को खत्म करके किसी दिन खुदकुशी कर लूंगा। तब मैंने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया था। रामबृज से भी कुछ लोगों ने रुपए उधार लिए थे जो वो लौटा नहीं रहे थे, और शनिवार को इस तरह पूरे परिवार की मौत की खबर ने घर वालों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया।
पूरा परिवार खत्म, 5 पेज का सुसाइड नोट मिला
रामबृज गायकवाड़ का शव इसके बेटे 24 साल के संजू गायकवाड़ के साथ लटका मिला। रामबृज की पत्नी जानकी बाई और इसकी दो बेटियां 28 साल की दुर्गा और 21 साल की ज्योति का शव घर से कुछ दूरी पर पैरावट में जलता हुआ बरामद किया गया। जब पुलिस ने इनके घर की जांच की तो करीब पांच पेज के सुसाइड नोट मिला। इसके अंत में परिवार से माफी मांगते हुए लिखा गया है, कि अब दुनिया से अलविदा होने का समय आ गया है। आप लोग खुश रहना। जिसकी जो देनदारी मुझ पर निकल रही है, मेरे हिस्से की संपत्ति बेचकर उसे दे दी जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम हैं, वो बड़े सूदखोर हैं। ये अवैध ब्याज का धंधा करते हैं। रसूखदार होने के कारण पुलिस इन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।
पत्नी और बेटियों को जहर देकर मारा
अब तक हुई जांच में पुलिस सूत्रों के मुताबिक रामबृज ने पहले खाने में जहर मिलाकर पत्नी और बेटियों को खिला दिया होगा। जब उनकी मौत हुई तो इनकी लाशों को अर्थी में सजाया। अर्थी से शवों को तार के जरिए बांधा और फिर कंडे और पैरावत की मदद से उसे जला दिया । पुलिस के मुताबिक इस घटना में मृतक का बेटा भी साथ था अपनी मां और बहनों को जलाने के बाद उसने भी पिता के साथ फांसी लगा ली। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम को परिवार के पांचों सदस्यों की हत्या के एंगल से जोड़कर भी देखा जा रहा है, फिलहाल पुलिस की छानबीन जारी है।
पुलिस ने सबसे पहले मृतक रामबृज और उसके बेटे का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा था दोपहर के बाद जब हॉस्पिटल से शव लौटाए गए तो फिर परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार किया । रामबृज के चाचा के बेटे ने उसे मुखाग्नि दी। पारिवारिक परंपरा के मुताबिक रामबृज और उसके बेटे का शव एक ही अर्थी में रख कर ले जाया गया था। अंमित संस्कार में मुखाग्नी देने से रामबृज के भाई ने इंकार कर दिया था।
जुआरी बेटे की वजह से बढ़ा कर्ज, खेती के लिए भी लिए थे 54 हजार
परिवार के कुछ लोगों और ग्रामीणों ने बताया कि मृतक का बेटा संजू सब्जी बेचने का काम करता था । उसे जुआ खेलने की लत थी। आए दिन वह घर के रुपए जुए में हार जाता था । बेटे पर बढ़े कर्ज की वजह से पिता रामबृज ने लोगों से काफी उधार ले रखा था। यह बात भी सामने आई कि अपनी खेती के लिए रामबृज ने 54 हजार रुपए कर्ज पर लिए थे। भिलाई के नंदनी में रहने वाली अपनी एक बहन से उसने 2 लाख रुपए ले रखे थे, मृतक के भाई नील सिंह ने बताया कि इन कर्ज के अलावा उसे अलग-अलग लोगों से लिए 7 लाख के कर्ज की जानकारी है।